
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (21 फरवरी) नई दिल्ली में 98वें मराठी साहित्य सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एक मंच पर नजर आए। इस साहित्यिक महाकुंभ के दौरान विज्ञान भवन में खास नजारा देखने को मिला। कार्यक्रम की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने शरद पवार का हाथ पकड़कर दीप प्रज्वलन किया और जब शरद पवार का भाषण समाप्त हुआ, तो खुद पीएम मोदी ने उनके लिए पानी का गिलास भरकर दिया और कुर्सी पर बैठने में उनकी मदद की। यह दृश्य अब सियासी गलियारें में चर्चा का विषय बन गया है।
शरद पवार ने इस आयोजन पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा, "मराठी साहित्य के अमृत अनुभव को साझा करने के लिए हम एक बार फिर यहां एकत्र हुए हैं। यह मेरे लिए गर्व की बात है। यह सम्मेलन दूसरी बार देश की राजधानी दिल्ली में हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी इस आयोजन में उपस्थित हुए, मैं इससे बहुत खुश हूं।"
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि महाराष्ट्र सरकार, साहित्यकारों और मराठी प्रेमियों ने वर्षों तक प्रयास किए ताकि मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा मिले। पवार ने कहा कि इस प्रयास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सहयोग दिया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जवाहरलाल नेहरू के बाद 70 साल बाद इस साहित्य सम्मेलन का शुभारंभ किसी प्रधानमंत्री के हाथों हुआ है। जब मैं निमंत्रण देने गया तो उन्होंने हां कहने में एक मिनट भी नहीं लगाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषण में मराठी भाषा और संस्कृति के प्रति अपने विशेष लगाव को व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "इस साहित्य सम्मेलन के लिए दिल्ली में बहुत अच्छा दिन चुना गया है। जब मैं मराठी भाषा के बारे में सोचता हूं, तो संत ज्ञानेश्वर की अमृतमय वाणी याद आती है, मराठी भाषा अमृत से भी मीठी है। मराठी एक सम्पूर्ण भाषा है, इसलिए...मराठी में शूरता भी है, वीरता भी है। मराठी में सौंदर्य है, संवेदना भी है, समानता भी है, समरसता भी है। इसमें अध्यात्म के स्वर भी हैं और आधुनिकता की लहर भी है। मराठी में भक्ति भी है, शक्ति भी है और युक्ति भी है।"
पीएम मोदी ने आगे कहा कि वे हमेशा मराठी भाषा के शब्द सीखने का प्रयास करते हैं और इसकी समृद्ध संस्कृति का सम्मान करते हैं। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का जिक्र करते हुए कहा कि "महाराष्ट्र की धरती पर जन्मे एक महापुरुष ने संघ की स्थापना की, जो पिछले 100 वर्षों से देश के लिए काम कर रहा है। संघ ने लाखों लोगों को देश के लिए जीवन समर्पित करने की प्रेरणा दी है, जिनमें मैं भी शामिल हूं।"
पीएम मोदी ने इस बात पर भी गर्व व्यक्त किया कि कुछ महीने पहले ही मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा, "दुनिया भर में 12 करोड़ से अधिक लोग मराठी भाषा बोलते हैं। यह दर्जा मराठी भाषियों की वर्षों से चली आ रही मांग को पूरा करता है।"
Updated on:
21 Feb 2025 09:53 pm
Published on:
21 Feb 2025 09:27 pm
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