
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख हर्षवर्धन सपकाल और VBA प्रमुख प्रकाश आंबेडकर (Photo: IANS)
मुंबई महानगरपालिका (BMC Election 2026) चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया समाप्त होते ही कांग्रेस और वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) के गठबंधन को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। 62 सीटों में से 16 सीटों पर प्रकाश आंबेडकर की पार्टी वीबीए द्वारा उम्मीदवार न उतारे जाने को लेकर कांग्रेस की खूब किरकिरी हो रही है। हालांकि इस पूरे मामले पर अब वीबीए ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है। पार्टी ने विरोधियों पर उनके गठबंधन में दरार डालने का आरोप लगाया है।
मुंबई के बीएमसी चुनाव के लिए प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) और कांग्रेस के बीच गठबंधन हुआ है। सीट बंटवारें के तहत मिली 62 सीटों में से वंचित केवल 46 सीटों पर ही उम्मीदवार उतार पाई है, जबकि 16 सीटों पर उसे उम्मीदवार ही नहीं मिले।
बीएमसी चुनाव में भाजपा-शिवसेना जैसी बड़ी ताकतों को टक्कर देने के लिए कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने बड़ा दिल दिखाते हुए वीबीए को कुल 227 सीटों में से 62 सीटें दी थीं। कांग्रेस को उम्मीद थी कि वीबीए के साथ आने से दलित और अल्पसंख्यक वोटों का ध्रुवीकरण होगा। लेकिन अब कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है।
कहा तो ये भी जा रहा है कि प्रकाश आंबेडकर की पार्टी ने इन 16 रिक्त सीटों के बारे में कांग्रेस को समय रहते सूचित नहीं किया। यदि समय पर जानकारी दी गई होती, तो कांग्रेस अपने इच्छुक उम्मीदवारों को इन 16 सीटों पर एबी फॉर्म देकर चुनावी मैदान में उतार सकती थी।
जिन 16 सीटों पर वीबीए ने उम्मीदवार नहीं उतारे, उनमें से कई वार्डों में कांग्रेस की स्थिति मजबूत थी। अब नामांकन की समय सीमा समाप्त होने के कारण कांग्रेस वहां आधिकारिक रूप से अपने उम्मीदवार नहीं उतार सकती। पार्टी उन सीटों पर निर्दलीय या बागी के रूप में चुनाव लड़ रहे अपने ही पुराने कार्यकर्ताओं से बात कर उन्हें समर्थन दे सकती है।
वंचित बहुजन अघाड़ी के मुख्य प्रवक्ता सिद्धार्थ मोकले ने आरोपों का खंडन किया है और कहा कि हमने कांग्रेस को अंधेरे में नहीं रखा। हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने नामांकन के आखिरी दिन सुबह ही कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को सूचित कर दिया था कि 16 सीटों पर उनके पास मजबूत उम्मीदवार नहीं हैं। हमने वो 16 सीटें वापस कांग्रेस को दी थी, जहां उनके उम्मीदवारों को चुनाव लड़ना था।
सिद्धार्थ मोकले ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल और कुछ विपक्षी नेता कांग्रेस और वीबीए में दरार पैदा करना चाहते है और जनता में भ्रम फैला रहे हैं। उन्होंने कहा, "जब से कांग्रेस और वंचित का गठबंधन हुआ है, विरोधियों की नींद उड़ गई है। वे लगातार इस कोशिश में हैं कि गठबंधन में कड़वाहट कैसे लाई जाए। लेकिन उनके प्रयास सफल नहीं होंगे क्योंकि दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता और नेता पूरी तरह समन्वय के साथ काम कर रहे हैं।" उन्होंने मतदाताओं से अपील की है कि वे ऐसी किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और मजबूती के साथ गठबंधन का समर्थन करें।
भले ही वीबीए ने स्पष्टीकरण दिया है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि नामांकन के अंतिम क्षणों में हुए इस फेरबदल से कांग्रेस के कई स्थानीय नेता नाराज हैं। अब देखना यह होगा कि पार्टी इस नुकसान की भरपाई प्रचार और स्थानीय समीकरणों के जरिए कैसे करती है।
Updated on:
31 Dec 2025 09:11 pm
Published on:
31 Dec 2025 08:03 pm
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