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Lockdown2.0: IIT Bombay के छात्रों ने इजात किया RUHDAAR, सबसे सस्ते वेंटिलेटर का दावा…

जम्मू और कश्मीर ( Jammu and Kashmir ) के रहने वाले पांच इंजीनियर ( Engineer ) छात्रों की मेहनत, स्वास्थ्य विभाग ( Health Department ) को तरह-तरह की परेशानियों ( Troubles ) का सामना भी करना पड रहा है

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Lockdown2.0: IIT Bombay के छात्रों ने इजात किया RUHDAAR, सबसे सस्ते वेंटिलेटर का दावा...

Lockdown2.0: IIT Bombay के छात्रों ने इजात किया RUHDAAR, सबसे सस्ते वेंटिलेटर का दावा...

रोहित के. तिवारी
मुंबई. देश में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। लॉकडाउन के बावजूद नए कोरोना पॉजिटिव मरीज दिनों दिन बढ रहे हैं। ऐसे मामलों में कोरोना से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए अस्पताल को वेंटिलेटर की जरूरत अधिक बढ गई है। वहीं दूसरी ओर अपने देश में वेंटिलेकर की कमी के चलते स्वास्थ्य विभाग को तरह-तरह की परेशानियों का सामना भी करना पड रहा है। इस कमी को ध्यान में रखते हुए आईआईटी बॉम्बे के छात्रों ने एक बहुत ही सस्ता वेंटिलर इजात किया है और यह पांच इंजीनियर छात्र जम्मू और कश्मीर के रहने वाले हैं। इस वेंटिलेटर का नाम रुहदार है।

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नहीं लगाई जाएगी कोई रॉयल्टी...
जिन छात्रों ने इस वेंटिलेटर का निर्माण किया है, उनके मुताबिक आविष्कार किए गए वेंटिलेकर की कीमत मात्र 10 हजार रुपये है, लेकिन जब इसे बड़ी मात्रा में बनाया जाएगा तो इसकी कीमत में और भी ज्यादा कमी आएगी, ऐसा दावा इंजीनियर छात्रों ने किया है। इन सस्ते वेंटिलेटर को बनाने के लिए छात्रों को औद्योगिक भागीदार की आवश्यकता होगी और और वे कम लागत पर अस्पताल को वेंटिलेटर प्रदान कर सकेंगे। वहीं छात्रों की ओर से तैयार वेंटिलेकर का परीक्षण डॉक्टरों की ओर से किया जा रहा है। वहीं वेंटिलेटर बनाने वाले छात्रों ने दावा किया है कि उन पर कोई रॉयल्टी नहीं लगाई जाएगी।

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छात्रों ने ली आईयूएसटी और डीआईसी की मदद...
आईआईटी बॉम्बे के प्रथम वर्ष के छात्र जुल्कारनैन ने अपने दोस्त पी.एस. शोएब, आसिफ शाह और शकर नेहवी के साथ ये वेंटिलेटर बनाना शुरू किया। इसके बाद इन छात्रों ने जम्मू और कश्मीर के अवंतीपोरा में इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईयूएसटी) में इसकी तैयारी शुरू की। वहीं मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, छात्रों ने वेंटिलेटर डिजाइन करने के लिए आईयूएसटी और डिज़ाइन इनोवेशन सेंटर (डीआईसी) पुलवामा की मदद ली है।

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