पौधों को बचाने का जतन
आनंद ने बताया कि पौधे लगाने के बाद हमने उन्हें सूखने से बचाने का जतन किया। सबसे बड़ी चुनौती पानी की थी। हम लोग डिब्बों में पानी भर कर ले जाते थे। पानी का टैंकर दान करने की अपील की। आसपास की झुग्गी बस्तियों में रहने वाले बच्चों ने हमारी मदद की। आनंदवन में चिडिय़ों को आकर्षित करने के लिए कई प्रकार के पेड़ हैं।
आनंद वन में अस्सी से नब्बे तरह के एक हजार से ज्यादा पेड़-पौधे हैं। वन विभाग के राहुल पाटिल ने समूह के प्रयासों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि बंजर जमीन पर हरा-भरा आनंद वन इनकी मेहनत का नतीजा है। अन्य जगहों पर भी यह मॉडल अपनाया जा सकता है।