
नागपुर कोर्ट ने देवेंद्र फडणवीस को किया बरी
Nagpur News: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चुनावी हलफनामे में अपराध की जानकारी छिपाने के मामले में बरी कर दिया गया है। नागपुर की एक अदालत ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त ठोस सबूत नहीं है। फडणवीस की ओर से वरिष्ठ वकील सुबोध धर्माधिकारी अदालत में पेश हुए।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस पर 2014 के अपने चुनावी हलफनामे में कथित रूप से आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं करने का आरोप लगाया गया था। इस संबंध में वकील सतीश उइके ने नागपुर के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में याचिका दायर की थी और फडणवीस के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया था। यह भी पढ़े-NCP में घमासान तेज, शरद पवार खेमे ने अजित गुट के 40 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की
कोर्ट में पेश हुए थे फडणवीस
अपनी याचिका में उइके ने फडणवीस के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी। इसी साल अप्रैल महीने में नागपुर की अदालत में फडणवीस पेश हुए थे। उन्होंने सभी आरोपों का खंडन किया है। फडणवीस करीब डेढ़ घंटे तक अदालत में रहे। हालाँकि इस मामले में अब फडणवीस को बड़ी राहत मिल गयी है।
फडणवीस ने दी ये दलील
अदालत को फडणवीस ने बताया कि उन्होंने अपने ऊपर दर्ज मामले की जानकारी हलफनामे में गलती से नहीं दी। इन अपराधों को छुपाने का कोई खराब उद्देश्य नहीं था। साथ ही फडणवीस की ओर से अदालत में दलील दी गई कि हर चुनाव में मुझे मिलने वाले वोटों की संख्या बढ़ती जा रही है। दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला 5 सितंबर तक के लिए टाल दिया था। इसके बाद आज निर्णय सुनाया गया।
क्या था आरोप?
वकील सतीश उइके ने फडणवीस के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की मांग करते हुए कोर्ट में आवेदन दाखिल किया था। उनका आरोप था कि 1996 और 1998 में बीजेपी नेता फडणवीस के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के दो मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन उन्होंने 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले अपने चुनावी हलफनामे में इसका खुलासा नहीं किया। उइके अभी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बदं है, उन्हें ईडी ने गिरफ्तार किया था।
Published on:
08 Sept 2023 06:15 pm
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