
अमृता फडणवीस और देवेंद्र फडणवीस
Maharashtra Political News: दो दिन पहले शिंदे सरकार ने उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के महाविकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के 25 नेताओं के ‘वर्गीकृत’ सुरक्षा कवर को हटा दिया था। जिसको लेकर राज्य में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर राजनीति हो रही थी। इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच महाराष्ट्र सरकार ने शिंदे खेमे के नेताओं की सुरक्षा मजबूत कर दी है। जबकि देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस को X श्रेणी की सिक्यूरिटी प्रदान की है।
मिली जानकारी के मुताबिक, एकनाथ शिंदे गुट के 41 विधायकों और 10 सांसदों को वाई प्लस (Y+) श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। ऐसे में अब एक नया सियासी विवाद शुरू होने के संकेत मिल रहे हैं। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद शिवसेना के शिंदे धड़े के विधायकों और उनकी दफ्तरों और घरों पर हमले की कई घटनाएं हुईं। उसके बाद सभी बागी विधायकों को सरकार के आदेश पर सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। चूंकि अब यह सुरक्षा कम कर दी गई है, इसलिए बागी विधायकों को शिंदे सरकार ने सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है। यह भी पढ़े-Maharashtra: बैकफुट पर रवि राणा! माफी मांगने के बाद भी नहीं माने बच्चू कडू, कल लेंगे अंतिम फैसला
इस संबंध में महाराष्ट्र के गृह विभाग ने समीक्षा बैठक की और बागी विधायकों और सांसदों को वाई प्लस सुरक्षा मुहैया कराई गई है। हाल ही में सुरक्षा स्थिति का आकलन करने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने एमवीए नेताओं की सुरक्षा कम कर दी, जबकि कुछ नेताओं की सुरक्षा हटा ली।
उद्धव ठाकरे और शरद पवार की सुरक्षा बरकरार
पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और उनके परिवार के सदस्यों, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और उनकी बेटी एवं सांसद सुप्रिया सुले सहित उनके परिजनों की सुरक्षा बरकरार रखी गई है। पूर्व मुख्यमंत्रियों अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिलेगी। एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड की सुरक्षा बरकरार रहेगी, जबकि शिवसेना (यूबीटी) के सचिव मिलिंद नार्वेकर को, विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार और पूर्व गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल को वाई-प्लस-सुरक्षा कवर दिया गया है।
वहीँ, जयंत पाटिल, छगन भुजबल, विजय वडेट्टीवार, बालासाहेब थोराट, नाना पटोले, भास्कर जाधव, सतेज पाटिल, धनजय मुंडे, सुनील केदारे, नरहरि जिरवाल, वरुण सरदेसाई और जेल में बंद अनिल देशमुख व नवाब मलिक की सुरक्षा वापस ली गई है। इसका मतलब है कि इन नेताओं को उनके घरों या एस्कॉर्ट के बाहर स्थायी पुलिस सुरक्षा नहीं मिलेगी।
Published on:
31 Oct 2022 04:55 pm
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