scriptFamous Temples In Mumbai: ये है मुंबई के प्राचीन और भव्य मंदिर, जहां रोजाना लगती हैं श्रद्धालुओं की भारी भीड़ | Famous Temples In Mumbai: This is the ancient and grand temple of Mumbai, where there is a huge crowd of devotees every day | Patrika News

Famous Temples In Mumbai: ये है मुंबई के प्राचीन और भव्य मंदिर, जहां रोजाना लगती हैं श्रद्धालुओं की भारी भीड़

locationमुंबईPublished: Jul 24, 2022 07:35:53 pm

Submitted by:

Siddharth

मुंबई भले ही फ‍िल्‍म स‍िटी के नाम से मशहूर है लेकिन यहां के मंद‍िर इसे आध्‍यात्‍म‍िक नगरी का दर्जा भी दिलाते हैं। मुंबई भारत का सबसे अधिक आबादी वाला शहर भी है। लेकनि क्या आप जानते हैं कि यहां देश के कई प्रसिद्ध मंदिर भी स्थित हैं। जहां देश ही नहीं विदेश से भी लोग दर्शन के लिए आते हैं।

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Famous Temples In Mumbai

मुंबई को सपनों को शहर भी कहा जाता है। ये शहर भले ही फ‍िल्‍म स‍िटी के नाम से मशहूर है लेकिन यहां के मंद‍िर इसे आध्‍यात्‍म‍िक नगरी का दर्जा भी दिलाते हैं। मुंबई भारत का सबसे अधिक आबादी वाला शहर भी है। लेकनि क्या आप जानते हैं कि यहां देश के कई प्रसिद्ध मंदिर भी स्थित हैं। जहां देश ही नहीं विदेश से भी लोग बड़ी संख्या में दर्शन के लिए आते हैं। इन मंदिरों में भक्तों की बड़ी भीड़ लगती है।
बाबुलनाथ मंदिर: बाबुलनाथ मंदिर को गुजराती समुदाय द्वारा बनाया गया था। जोकि भगवान शिव को समर्पित हैं। ये मंदिर मुबंई में गिरगांव चौपाटी के पास एक छोटी सी पहाड़ी पर बना हुआ है। इस मंदिर का मिर्माण 1890 में हुआ था। बाबुलनाथ मंदिर को मराठी शैली की वास्तुकला से बनाया गया है. देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी काफी भक्त इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं।
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इस्कॉन मंदिर: इस्कॉन मंदिर जुहू बीच से कुछ मीटर की दूरी पर स्थित है। ये मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित हैं। ये भव्य मंदिर संगमरमर और कांच से बना हुआ है।

महालक्ष्मी मंदिर: महालक्ष्मी मंदिर मुंबई के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। ये मंदिर भूलाबाई देसाई रोड पर बना हुआ है। ये मंदिर हाजी अली के पास है। इस मंदिर का मिर्माण 16वीं-17 वीं शताब्दी के आसपास हुआ था। इस मंदिर की मुख्य पीठासीन देवी लक्ष्मी हैं, लेकिन यहां देवी काली और सरस्वती की भी पूजा की जाती हैं।
सिद्धिविनायक मंदिर: सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। जहां सबसे ज्यादा लोग दर्शन के लिए आते हैं। ये मंदिर भगवान गणेश को समर्पित एक श्रद्धेय मंदिर है। सिद्धिविनायक मंदिर का साल निर्माण 1801 में लक्ष्मण विथु और देउबाई पाटिल ने करवाया था। लोगों का कहना है कि इस दंपति का कोई संतान नहीं था। इसलिए इस मंदिर को बनाने का फैसला किया। ताकि बांझ महिलाओं की इच्छाओं को इस मंदिर के जरिए पूरा किया जा सके।
थिरुचेम्बुर मुरुगन मंदिर: ये मंदिर दक्षिण में प्रथाओं के सार को पुनर्स्थापित करता है। इसके मुख्य देवता भगवान मुरुगन हैं। मुंबई के चेंबूर में ये मंदिर एक छोटी सी पहाड़ी पर बना हुआ है।
वालकेश्वर मंदिर: वालकेश्वर मंदिर को बाण गंगा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ये वालकेश्वर मंदिर मालाबार हिल के पास स्थित है। इस मंदिर के पास एक छोटा तालाब है, जिसका नाम बाणगंगाटैंक है. इस मंदिर में पूर्णिमा और अमावस्या के दिन भारी संख्या में भक्त आते हैं।
मुंबा देवी मंदिर: मुंबा देवी मंदिर मुंबई के भूलेश्वर में स्थित है। मुंबई का नाम ही कोलीयों की देवी मुंबा आई यानि मुंबा माता के नाम से निकला है। यहां इनकी बहुत मान्यता है। यह मंदिर लगभग 400 साल पुराना है। शुरू में मुंबई मछुआरों की बस्ती थी। उन्हें यहां कोली कहते थे। कोली लोगों यहां बोरी बंदर में तब मुंबा देवी के मंदिर की स्थापना की।
वैष्णो देवी मंदिर: वैष्णो देवी मंदिर मुंबई के मलाड में स्थित है। इस मंदिर की आंतरिक संरचना जम्मू के वैष्णो देवी मंदिर के समान है। भक्तों के लिए 40 फीट के गुफामय मंदिर को मालाड में 16 साल पहले बनाया गया। साथ ही वैष्णो देवी मंदिर की पवित्र गुफा से लाई गई अखंड ज्योत पिछले 16 सालों से लगातार जल रही है। मालाड स्थित वैष्णो देवी मंदिर में आने के पश्चात भक्तों को बेहद शांति का अनुभव होता है। मां के दर्शन के लिए नवरात्री में यहां बड़ी भीड़ उमड़ पड़ती है।
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