25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

चार दशक पुरानी MHADA मुख्यालय की इमारत की होगी मरम्मत

पुनर्विकास की योजना रद्द स्ट्रक्चरल रिपोर्ट के बाद बदला निर्णय लीकेज के कारण मुख्यालय मेें कई जगह दरारें 15 करोड़ रुपए का होगा अनुमानित खर्च

less than 1 minute read
Google source verification
चार दशक पुरानी म्हाडा मुख्यालय की इमारत की होगी मरम्मत

चार दशक पुरानी म्हाडा मुख्यालय की इमारत की होगी मरम्मत

मुंबई. बांद्रा स्थित महाराष्ट्र हाउसिंग बोर्ड (म्हाडा) की मुख्यालय इमारत के पुनर्विकास का मामला अटक गया है। प्रशासन ने इसके पुनर्विकास का प्रस्ताव प्राधिकरण को भेजा था, जिसे बदलते हुए इसकी मरम्मत का निर्णय किया गया है। इस पर करीब 15 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। आईआईटी बॉम्बे की ओर से हाल ही में इसका स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट दिया गया था, जिसमें मरम्मत की सिफारिश की गई थी।


महाराष्ट्र हाउसिंग बोर्ड का कार्यालय 40 साल से अधिक पुराना है। अब इस इमारत के कई हिस्सों के स्लैब ढह गए हैं। पिछले वर्ष ही तत्कालीन सीईओ दीपेंद्र सिंह कुशवाहा ने भवन की स्थिति को देखते हुए भवन के पुनर्विकास का प्रस्ताव तैयार किया था। इसके बाद म्हाडा ने पवई आईआईटी बॉम्बे के विशेषज्ञों की ओर से इमारत का एक स्ट्रक्चरल ऑडिट कराया, जिसमें भवन की मरम्मत का विकल्प सुझाया गया था, इसलिए अब म्हाडा इमारत के पुनर्विकास के बजाए मरम्मत कर ही काम चलाएगी।


पानी के कारण इमारत की कई जगहों से लीकेज होना शुरू हो चुका है। इससे अंदर के स्टील जंग खा चुके हैं। ऑडिट रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि बाथरूम और पानी की टंकी वाले क्षेत्र अधिक क्षतिग्रस्त हैं। अधिकारी की माने तो विशेष रूप से भवन का काम पूरा होने के बाद फिर से ऑडिट किया जाएगा और ठेकेदार यह सुनिश्चित करेगा कि इमारत कम से कम 20 वर्षों तक मजबूत रहेगी। म्हाडा की चार और पांच मंजिला इमारत 43 साल पुरानी है। 22 सितंबर 1966 को वास्तविक काम शुरू होने के बाद 27 जून 1969 को पूरा हुआ था। भवन का उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री वसंतराव नाइक ने किया था। 43 वर्ष पूर्व इस भवन का निर्माण लगभग 70 लाख 50 हजार रुपए में हुआ था।