
राज्यपाल आचार्य देवव्रत का मुंबई में भव्य स्वागत (Photo: Governor of Maharashtra)
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत (Governor Acharya Devvrat) अपनी पत्नी दर्शना देवी के साथ रविवार दोपहर तेजस एक्सप्रेस से मुंबई पहुंचे। सीपी राधाकृष्णन के उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद उन्हें महाराष्ट्र के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए वे रविवार सुबह अपनी पत्नी दर्शना देवी के साथ अहमदाबाद से तेजस एक्सप्रेस ट्रेन में सवार होकर मुंबई के लिए रवाना हुए।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत का मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन (Mumbai Central Railway Station) पर पहुंचने पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने स्वागत किया। राज्यपाल को मुंबई सेंट्रल स्टेशन (Mumbai Central Station) पर रेलवे पुलिस द्वारा औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।
महाराष्ट्र के राज्यपाल कार्यालय (Governor of Maharashtra) ने बताया कि राज्यपाल और उनकी पत्नी दर्शना देवी अहमदाबाद से तेजस एक्सप्रेस से मुंबई पहुंचे। पश्चिम रेलवे के मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर उतरने के बाद उनका मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया। इस अवसर पर राज्यपाल का मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर रेलवे पुलिस द्वारा औपचारिक स्वागत किया गया तथा राजभवन पहुंचने पर मुंबई पुलिस द्वारा उनका औपचारिक स्वागत किया गया।
अधिकारिक बयान के मुताबिक, आचार्य देवव्रत सोमवार (15 सितंबर) सुबह 11 बजे राजभवन के दरबार हॉल में महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ लेंगे। उन्होंने अगस्त 2015 से जुलाई 2019 तक हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में जिम्मेदारी निभाई। इसके बाद जुलाई 2019 में उन्होंने गुजरात के राज्यपाल का पदभार संभाला। अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें महाराष्ट्र के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद सीपी राधाकृष्णन ने पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया।
बता दें कि राज्यपाल आचार्य देवव्रत के पास इतिहास और हिंदी में मास्टर्स की डिग्री है, साथ ही उन्होंने बीएड और योग विज्ञान में डिप्लोमा भी किया है। इसके अलावा वे नेचुरोपैथी और योगिक साइंस में डॉक्टरेट भी कर चुके हैं। प्राकृतिक खेती,सामाजिक समरसता, नशामुक्ति, वृक्षारोपण, जल संरक्षण और स्वदेशी गौवंश सुधार के क्षेत्र में भी उनका व्यापक योगदान रहा है। उन्होंने 1981 से जुलाई 2015 तक गुरुकुल कुरुक्षेत्र के प्रधानाचार्य के रूप में कार्य किया। वर्तमान में वह गुजरात की 24 प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के चांसलर भी हैं।
Updated on:
14 Sept 2025 05:37 pm
Published on:
14 Sept 2025 05:24 pm
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