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मायानगरी मुंबई में आग की महाचुनौती

मुंबई (Mumbai ) के विभिन्न शैक्षणिक ( Education ) संस्थाओं ( Institution ) में फायर ऑडिट ( Fire Audit ) को लेकर बहस ( Discussion ) शुरू हो गई थी। फायर ऑडिट को जरूरी ( Nesessary )बताते हुए प्रशासन ने जरूरी आदेश ( Order ) जारी किए थे, लेकिन घटना ( Accident ) के कई महीने बाद भी मुंबई के स्कूलों-शैक्षणिक संस्थाओं में इसकी अवहेलना ( Disregard ) की जा रही है।

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मायानगरी मुंबई  में आग की महाचुनौती

मायानगरी मुंबई में आग की महाचुनौती

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मुंबई. सूरत के एक कोचिंग क्लासेस में 24 मई 2019 को लगी आग के बाद मुंबई के विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में फायर ऑडिट को लेकर बहस शुरू हो गई थी। फायर ऑडिट को जरूरी बताते हुए प्रशासन ने जरूरी आदेश जारी किए थे, लेकिन घटना के कई महीने बाद भी मुंबई के स्कूलों-शैक्षणिक संस्थाओं में इसकी अवहेलना की जा रही है। मनपा के स्कूलों में आग संबंधित उपायों की पड़ताल में पता चला कि अधिकांश स्कूलों का फायर ऑडिट नहीं किया गया है।
सूरत की आग के बाद मनपा के शिक्षा विभाग की ओर से एक बैठक आयोजित की गई थी। उसके बाद मनपा के अनुदानित और गैर अनुदानित स्कूलों की फायर ऑडिट का मुद्दा उठा।
मनपा की 463 इमारत में कुल 1,180 स्कूल हैं, इन सभी स्कूलों का फायर ऑडिट हो चुका है। निजी या गैर अनुदानित स्कूलों का फायर ऑडिट में कोताही बरती गई है। निजी गैर अनुदानित स्कूलों की संख्या एक हजार के करीब है, जिनमें से 650 स्कूलों का फायर ऑडिट हो चुका है। बाकी के करीब साढ़े तीन सौ स्कूलों में आग से बचाव की सुविधाओं के प्रति लापरवाही बरती गई है। प्रशासन की इस लापरवाही के कारण कभी भी इन स्कूलों में बड़ी दुर्घटना घट सकती है।
बचाव के लिए जरूरी है यह उपाय
अग्निसुरक्षा के उपायों के तहत स्कूल में चार बेसिक चीजों पर ध्यान देना जरूरी है। इमरजेंसी रूट हो, जिससे आपात स्थिति में बच्चे आसानी से बाहर निकल सके। आसान एविकेशन प्लान यानी दुर्घटना के समय कौन सभी लोगों को बाहर लेकर जाएगा, कहां सब इकट्ठा होंगे, सबकी गिनती करना, तीसरा स्केल ऑपरेशन प्रोसेस, फायर फाइटिंग सिस्टम, 100 वर्गमीटर में एक फायर मशीन, 1 सैंड बकेट, केमिकल पदार्थों से निपटने के लिए डिवाइज चेंज पावडर, वेंटिलेशन आदि जरूरी है। मुंबई के अधिकतर स्कूल इन नियमों की खुलेआम अवहेलना करते हैं।

पीरियडीकली फायर ऑडिट जरूरी
बीएमसी स्कूल के शिक्षा अधिकारी महेश पालकर ने बताया कि स्कूलों में पीरियडीकली फायर ऑडिट जरूरी है, जिसका पालन किया जा रहा है। मनपा के सभी स्कूलों में फायर ऑडिट पूरा हो चुका है। अग्नि सुरक्षा अधिनियम 2006 के तहत स्कूलों का ऑडिट किया गया है। ऑडिट किए गए स्कूलों में साइन बोर्ड, रास्तों में आनेवाली रुकावटें आदि कम्पाइल कर सुरक्षात्मक उपाय किए जाते हैं।

सभी विभागों से किया संकलन
शिक्षा समिति की अध्यक्ष अंजली नाईक ने बताया कि सूरत की घटना के बाद मनपा के अधिकारी, आपातकालीन व्यवस्थापन विभाग, अग्निशमन विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की गई जिसमें स्कूलों के फायर ऑडिट के संबंध में जरूरी कदम उठाने की बात कही गई। मनपा स्कूल के सभी प्रिंसिपल को आपातकालीन परिस्थिति से निपटने का प्रशिक्षण देने, साथ ही स्कूल के शिक्षकों को तीन दिन और 90 विद्यार्थियों को प्रतिदिन दो घंटे प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया गया। अग्निशमन दल के अधिकारियों को छह महीने में एक बार स्कूल की जांच कर सभी अग्निशमन साधन सामग्री और मशीनरी कार्यरत है या नहीं इसकी जांच करने का निर्देश दिया गया है। इस तरह की जांचें नियमित की जाती रहती है।