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महाराष्ट्र की पहली महिला DGP बनीं रश्मि शुक्ला, उद्धव सरकार ने FIR कर पद से था हटाया

Rashmi Shukla Maharashtra DGP: वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला अभी सीमा सशस्त्र बल की महानिदेशक हैं।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Jan 04, 2024

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महाराष्ट्र की डीजीपी IPS रश्मि शुक्ला का तबादला

Maharashtra New DGP: चर्चित आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला को महाराष्ट्र का नया पुलिस प्रमुख बनाया गया है। महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें राज्य का नया पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त किया है। वह इस पद पर आसीन होने वाली पहली महिला हैं। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शुक्ला को उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महाविकास आघाडी (MVA) सरकार में न केवल दरकिनार किया गया था, बल्कि उनके खिलाफ तीन-तीन मामले भी दर्ज किये गए थे।

1988 बैच की भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी रश्मि शुक्ला को पहले से अहम जिम्मेदारी सौंपे जाने की चर्चा थी। आखिरकार शिंदे सरकार ने उन्हें महाराष्ट्र का नया पुलिस प्रमुख बनाया है। राज्य के गृह विभाग ने आज (4 जनवरी) इस संबंध में आदेश जारी किया। यह भी पढ़े-महाराष्ट्र में इन कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन लागू, नए साल में शिंदे सरकार ने दी कई सौगातें

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शुक्ला अभी सीमा सशस्त्र बल की महानिदेशक हैं। वो 31 दिसंबर को डीजीपी पद से रिटायर हुए आईपीएस रजनीश शेठ की जगह लेंगी। पूर्व डीजीपी सेठ के रिटायर होने के बाद मुंबई पुलिस कमिश्नर विवेक फणसलकर को राज्य के डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था।

2019 में पद से हटाया गया

बताया जाता है कि रश्मि शुक्ला पूर्व मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पसंदीदा अफसरों में से एक है। वह अन्य राज्यों और केंद्रीय पदों पर रहने के अलावा महाराष्ट्र खुफिया विभाग की पूर्व निदेशक भी रह चुकी हैं। लेकिन जब नवंबर 2019 में राज्य में एमवीए सरकार सत्ता में आई तो इसका बहुत बड़ा असर रश्मि शुक्ला पर पड़ा था। कुछ ही महीनों में उन्हें राज्य खुफिया विभाग के निदेशक पद से हटा दिया गया। यहां तक की उन्हें कम अहमियत वाले विभाग में भेज दिया गया।

2022 में शिंदे-फडणवीस सरकार के गठन के बाद से आईपीएस रश्मि शुक्ला की महाराष्ट्र में वापसी की चर्चाएं तेज हो गयीं थी। फडणवीस के गृह मंत्रालय विभाग ने उनके खिलाफ जारी आपराधिक मामलों को भी बंद कर दिया था। 2014 से 2019 के बीच फडणवीस जब सीएम थे तो रश्मि शुक्ला टॉप पुलिस अफसरों में शुमार थी।

फोन टैपिंग केस में आया नाम

खास बात है कि एमवीए सरकार में रश्मि शुक्ला के खिलाफ तीन बड़े आपराधिक मामले दर्ज कराए गए। वह फोन टैपिंग केस में सबसे ज्यादा चर्चा में रही थीं। लेकिन जुलाई 2022 में जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और बीजेपी की गठबंधन सरकार राज्य में लौटी तो शुक्ला का कद फिर से बढ़ने लगा।

पहले बढ़ी मुसीबत, फिर राहत!

रश्मि शुक्ला पर 2015-2019 के बीच विपक्षी नेताओं के अवैध तरीके से फोन टैप करने का आरोप लगा। यहां तक की फोन टैप से मिली जानकारियों को कथित तौर पर फडणवीस को देने का भी आरोप लगाया गया। बाद में आईपीएस अधिकारी के खिलाफ मुंबई में पहला केस दर्ज कराया गया। पहली एफआईआर में शुक्ला पर शिवसेना (उद्धव गुट) नेता संजय राउत और एनसीपी नेता एकनाथ खडसे के फोन को अवैध रूप से रिकॉर्ड करने का आरोप था। जबकि पुणे में दर्ज दूसरी एफआईआर में उन पर कांग्रेस नेता नाना पटोले के फोन को अवैध रूप से टैप करने का आरोप लगाया गया। हालांकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने पिछले साल 8 सितंबर को उनके खिलाफ दर्ज दो एफआईआर को रद्द कर दिया। जबकि तीसरे मामले की जांच कर रही सीबीआई ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की।