
एलिवेटेड के मेट्रो से बढ़ेगी जाम की समस्या
ठाणे. वडाला से कासारवडवली तक शुरू मेट्रो-4 परियोजना को लेकर हाई कोर्ट में ठाणे नागरिक प्रतिष्ठान ने याचिका दायर करते हुए एलिवेटेड के बजाय भूमिगत मार्ग करने की मांग किया है. इस याचिका में उक्त संस्था का कहना है कि उनका मेट्रो परियोजना को लेकर कोई विरोध नहीं है लेकिन मेट्रो का नियोजन करते समय बड़े पैमाने पर लापरवाही बरती गई है. साथ ही नगर रचना विशेषज्ञ ने यह भी कहा है कि नागरिकों की सूचनाओं तथा आपत्तियों पर विचार ही नहीं किया. एलिवेटेड के कारण यातायात जाम की समस्या तो बड़े पैमाने पर होगी ही इसके आलावा मेट्रो रूट पर वृक्षों की कटाई भी की जा रही है और नागरिक भी विस्थापित होंगे. सोमवार को ठाणे में ठाणे नागरिक प्रतिष्ठान द्वारा मेट्रो-4 परियोजना की जानकारी देने हेतु पत्रकार परिषद का आयोजन किया गया था।
एमएमआरडीए ने की जल्दबाजी
इस पत्रकार परिषद में पर्यावरण विशेषज्ञ तज्ञ रोहित जोशी, नगररचना विशेषज्ञ नितीन किल्लेवाला और हेमा रमनी ने मेट्रो परियोजना के संदर्भ में जानकारी दी. इस दौरान एलिवेटेड मेट्रो के संदर्भ में पर्यावरण विशेषज्ञ रोहित जोशी ने कहा कि मेट्रो को लेकर एमएमआरडीए द्वारा जल्दबाजी की गई है। योजना को लागू करते समय नागरिकों को किसी भी प्रकार से शामिल नहीं किया गया और न इनसे सुचना ली गई और न ही इनके आपत्तियों पर विचार किया गया. इसलिए यहाँ पर भूमिगत मेट्रो ही सफल होगा और नुकसान भी टाला जा सकता है। जबकि नगररचना विशेषज्ञ नितीन किलेवाला ने कहा कि मेट्रो प्रकल्प ठाणे करों के लिए एक सुवर्णसंधी है. जिसका विरोध संस्था नहीं कर रही है। लेकिन एलिवेटेड रूट का विरोध जरुर है। जिस प्रकार मुंबई में मेट्रो-3 भूमिगत है वैसे ही मेट्रो-4 भी भूमिगत किया जाए।
...तो एक हजार पेड़ों की कटाई करनी पड़ेगी
मध्य काल में मूस नामक संस्था की तरफ से सर्वे कराया गया था. जिसमें उक्त संस्था ने अपनी रिपोर्ट में 70 फीसदी लोगों ने भूमिगत मेट्रो रूट बनाने की बात कही थी. साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा था कि यदि एलिवेटेड मेट्रो किया गया तो मुलुंड चेकनाका से मानपाडा सिंग्नल तक एक हजार वृक्षों की कटाई करना होगा और बड़े पैमाने पर नागरिक विस्थापित होंगे।
Published on:
14 May 2019 06:20 pm
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