
Maha politics: खडसे , तावड़े ,पंकजा, भंडारी के अरमानों पर फिर पानी , फड़नवीस ने बाजी मारी!
मुम्बई । विधान परिषद में भाजपा कोटे के 4 सीटों पर गोपीचंद पडलकर, प्रवीण दटके, अजित गोपछडे और रणजीत सिंह मोहिते पाटील का नाम घोषित होने के साथ ही विधान परिषद जाने की आस लगाए बैठे वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे, विनोद तावड़े ,पंकजा मुंडे, माधव भंडारी, चंद्रशेखर बावनकुले के अरमानों पर एक बार फिर पानी फिर गया है।
जानकारों की माने तो भाजपा में एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बाजी मारी है। ये सभी सदस्य फड़नवीस लॉबी के माने जाते है। पार्टी सूत्रों के अनुसार इस चुनाव में प्रत्यासियों के चयन में फड़नवीस की खूब चली और अपने धूर विरोधी खडसे सहित तावड़े, पंकजा , बावनकुले को फड़नवीस ने मजबूत नही होने दिया। इनमें से यदि कोई भी विधान परिषद में चुनकर पहुंच जाता तो देवेंद्र को कड़ी चुनौती मिलती। फड़नवीस की राजनीतिक ताकत को झटका लगता।
चूंकि ये लोग पार्टी में काफी वरिष्ठ और सरकार में मंत्री रह चुके है । खडसे विधान सभा मे तो तावड़े विधान परिषद में विपक्ष नेता भी रहे है । यदि ये विधान परिषद में पहुचते तो वरिष्ठता के आधार पर विधान परिषद में विपक्ष के नेता पद पर बैठे फड़नवीस के खास प्रवीण दरेकर को हटना पड़ता। और उनकी जगह जब खडसे , तावड़े अथवा मुंडे में से कोई लेता तो निश्चित ही वह फड़नवीस को पछाड़ने के लिए पूरा जोर लगाता। ऐसे में अपना राजनीतिक दुश्मन आगे ना आने पाए इस लिए फड़नवीस ने नए लोगों को विधान परिषद में लाने की योजना बनाई ।
गोपीचंद के नाम को लेकर भाजपा में सुगबुगाहट शुरू हो गई है । लोकसभा में पार्टी के खिलाफ और विधानसभा में जमानत जब्त करा चुके गोपीचंद को टिकट देने का मतलब पार्टी में निष्ठावान कार्यकर्ताओं और नेताओं को ताक पर रखने जैसा है । यह आरोप नाम नही बताने की शर्त पर कई नेता लगा रहे हैं ।
फड़नवीस के करीबी लोगों को मिला टिकट
गोपीचंद को वंचित बहुजन अघाड़ी से फड़नवीस ने घरवापसी करवाया था। विधानसभा में बारामती सीट पर अजित पवार के खिलाफ लड़े गोपीचंद की जमानत तक जब्त हो गई थी । लेकिन गोपीचंद को आगे लाने का मतलब है कि भाजपा के साथ जुड़े राष्ट्रीय समाज पक्ष मो कमजोर करना माना जा रहा है । उक्त पार्टी के अध्यक्ष महादेव जानकर को भाजपा धीरे धीरे दूर करने के पक्ष में है । तो वही प्रवीण दटके भी नागपुर में देवेंद्र लाबी में रहकर चार बार नगरसेवक और महापौर बन चुके है। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के रिश्तेदार रणजीत सिंह को भाजपा में लाने के बाद लोकसभा और विधानसभा चुनाव में टिकट नही मिला था। अब डेढ़ वर्ष बाद उन्हें मौका मिला है। नान्देड़ के डॉक्टर अजित को भी मौका मिला।
---------------------------
विधान परिषद चुनाव में किस पार्टी ने किसे दिया टिकट
मुम्बई । राज्य में विधान परिषद की रिक्त 9 सीटों में से 4 सीटों के लिए भाजपा ने अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है। नागपुर के पूर्व महापौर प्रवीण दटके, धनगर नेता गोपीचंद पडलकर, नान्देड़ के डॉ अजित गोपछडे तथा रणजीत सिंह मोहिते पाटील के नाम की शुक्रवार को घोषणा की गई । उधर शिवसेना ने पहले ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे तथा नीलम गोरहे का नाम घोषित कर चुकी है। एनसीपी भी परिणाम तक पहुच गई है । शशिकांत शिंदे और अमोल मैतकरी का नाम लगभग तय हो चुका है। किसी भी समय घोषणा हो सकती है ।
कांग्रेस में अभी तक प्रत्यासियों रजनी पाटील और हुसैन दलवाई का नाम आगे चल रहा है ।दरअसल कांग्रेस असमंजस में फंस गई गई। कांग्रेस अबतक दो सीटों की मांग रही थी लेकिन एनसीपी ने दो नाम लगभग घोषित कर दिया है। ऐसे में अब यदि कांग्रेस ने दो प्रत्यासी दिए तो चुनाव बिनविरोध नही होगा। ऐसे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मुश्किल बढ़ सकती है। उद्धव चाहते है कि यह चुनाव बिनविरोध हो ।
विधान परिषद के 9 सीटों के लिए 21 मई को चुनाव है 11 तारीख पर्चा दाखिल के लिए अंतिम तारीख है। प्रत्येक प्रत्यासी को 29 वोट चाहिए । भाजपा के पास 4 सीट ,शिवसेना और एनसीपी के पास दो सीटों और कांग्रेस के पास एक सीट के लिए पर्याप्त वोट है। यदि चुनाव में 9 प्रत्यासी ही खड़े होते हैं तो यह बिनविरोध होगा।
Published on:
08 May 2020 09:51 pm
बड़ी खबरें
View Allमुंबई
महाराष्ट्र न्यूज़
ट्रेंडिंग
