
Aurangabad
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले का नाम बदलने के फैसले पर जहां सियासी माहौल गर्म हो रहा है, वहीं अब औरंगाबाद शहर का नाम गूगल मैप पर 'संभाजीनगर' के रूप में शो हो रहा है। औरंगाबाद को जब गूगल मैप पर सर्च किया जाता है तो यह मराठी में औरंगाबाद और अंग्रेजी में 'संभाजीनगर' दिखाता है। पिछले हफ्ते से नाम बदलने के मुद्दे पर विवाद चल रहा है, अब गूगल द्वारा 'संभाजीनगर' का जिक्र किए जाने से एक नया विवाद खड़ा हो गया है।
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने औरंगाबाद जिले का नाम 'संभाजीनगर' और उस्मानाबाद जिले का नाम बदलकर 'धारशिव' करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। लेकिन अभी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। यह फैसला केंद्र सरकार लेगी। यह भी पढ़ें: Maharashtra: अमरावती मर्डर केस में हुआ नया खुलासा, NIA के हाथ लगा आरोपियों की हिटलिस्ट; बड़े लोगों की हत्या का था प्लान
बता दें कि औरंगाबाद का नाम बदलने का मुद्दा पिछले 34 सालों से चर्चा में है। इस दौरान कई आंदोलन हुए, मामला अदालत में चला गया, इतने दिनों के संघर्ष के बाद राज्य सरकार ने आखिरकार नाम परिवर्तन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। लेकिन इससे पहले औरंगाबाद शहर का नाम गूगल मैप पर 'संभाजीनगर' लिखा हुआ है।
साल 1998 में शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने पहली बार में औरंगाबाद विधानसभा में शहर का नाम संभाजीनगर रखा था। तब से शिवसेना द्वारा शहर को संभाजीनगर के रूप में जाना जाता है। यह भी बात सामने आई कि कई बार शिवसेना के मंत्र का जिक्र सरकारी कार्यक्रम में संभाजीनगर के रूप में हुआ है। महाराष्ट्र सरकार ने औरंगाबाद जिले का नाम संभाजीनगर करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। लेकिन एमआईएम ने इस फैसले का खुलकर विरोध किया है। एमआईएम का कहना है कि किसी भी परिस्थिति में शहर का नाम नहीं बदला जाएगा। एमआईएम और कुछ अन्य संगठनों ने भी इस फैसले के खिलाफ मोर्चा भी निकाला था।
राज्य के नए सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की कैबिनेट ने एक बड़ा फैसला लिया और औरंगाबाद शहर का नाम संभाजीनगर कर दिया। इससे पहले ठाकरे सरकार ने अपनी पिछली कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया था। इसके बाद राज्य में सियासत गरमा गई। एक तरफ शिवसेना इस फैसले का श्रेय लेने की कोशिश कर रही है तो दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे और बीजेपी सरकार इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है। पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के इस फैसले पर कांग्रेस ने कोई विरोध नहीं किया था। इसलिए औरंगाबाद जिले के तीन सौ से अधिक पदाधिकारियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने इस संबंध में बैठक बुलाई। लेकिन इस बैठक को भी असंतुष्ट अधिकारियों ने ठुकरा दिया।
Updated on:
19 Jul 2022 10:23 pm
Published on:
19 Jul 2022 10:22 pm
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