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फडणवीस सरकार के खिलाफ कोर्ट जाएंगे ठेकेदार! 89000 करोड़ रुपए की पेमेंट फंसी

Maharashtra News : ठेकेदारों ने 89 हजार करोड़ रुपये के बकाये को लेकर महाराष्ट्र सरकार को अदालत में घसीटने का फैसला किया है।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Apr 20, 2025

Devendra Fadnavis Maharashtra

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

महाराष्ट्र सरकार द्वारा बिलों के भुगतान नहीं करने को लेकर अब ठेकेदारों का सब्र जवाब दे चुका है। राज्य के ठेकेदारों ने बीजेपी नीत महायुति सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है। उनका आरोप है कि राज्य सरकार ने विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए किए गए कार्यों के 89,000 करोड़ रुपये के बिलों का भुगतान नहीं किया है।

महाराष्ट्र स्टेट कॉन्ट्रैक्टर्स असोसिएशन और स्टेट इंजीनियर्स असोसिएशन ने शुक्रवार को ठाणे में एक बैठक की, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि मुंबई, नागपुर और छत्रपति संभाजीनगर स्थित बॉम्बे हाईकोर्ट की बेंचों में याचिकाएं दायर की जाएंगी।

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कॉन्ट्रैक्टर्स असोसिएशन के राज्य प्रमुख मिलिंद भोसले ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा मार्च में सिर्फ 4,000 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है, जो कुल बकाया का महज 5 प्रतिशत है। इतने कम रकम में काम करना संभव नहीं है, और अगर भुगतान नहीं हुआ तो राज्यभर के ठेकेदार काम बंद कर देंगे, जिससे विकास कार्य ठप हो जाएंगे।

भोसले ने आगे बताया कि पिछले साल से ही सरकार से बकाया भुगतान की मांग की जा रही है। इसी साल फरवरी में उन्होंने राज्य के शीर्ष नेताओं को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि यदि जल्द भुगतान नहीं हुआ तो सभी चल रहे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को रोका जाएगा। जुलाई 2024 से अब तक विभिन्न विभागों से बकाया राशि नहीं मिली है।

किस विभाग से कितना बकाया?

ठेकेदारों के अनुसार 89,000 करोड़ रुपये के इस बकाया में से 46,000 करोड़ रुपये सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) से, 18,000 करोड़ रुपये जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग (जल जीवन मिशन) से, 8,600 करोड़ रुपये ग्रामीण विकास विभाग से, 19,700 करोड़ रुपये सिंचाई विभाग से और 1,700 करोड़ रुपये DPDC, विधायक निधि और सांसद निधि के तहत किए गए कार्यों से संबंधित हैं।

मिलिंद भोसले ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री समेत कोई भी मंत्री इस विषय पर चर्चा करने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा, "सभी विभागों से केवल 4,000 करोड़ रुपये ही जारी किए गए हैं। सरकार के पास पैसा नहीं है और हमने कई बार मुख्यमंत्री और मंत्रियों से मुलाकात की, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है।"