मिली जानकारी के मुताबिक, दहाणु परियोजना कार्यालय के अंतर्गत 37 आश्रम स्कूल और एकलव्य मॉडल स्कूल चलते हैं, जिनमें 8585 निवासी और 10592 अनिवासी बच्चे पढ़ रहे हैं। इन छात्रों को बोइसर के केंद्रीय रसोई से प्रतिदिन सुबह और रात का खाना और नाश्ते की आपूर्ति की जाती है। आश्रम स्कूल आदिवासी छात्रों के लिए आवासीय स्कूल होते हैं।
बताया जा रहा है कि केंद्रीय रसोई से सोमवार रात के लिए छात्रों को लौकी की सब्जी, मूंग दाल, चपाती और चावल खाने में दिया गया था। बताया जा रहा है कि रात को खाने के कुछ घंटों बाद रंकोल, खंबाले, नानीवली, तांदुलवाडी, नंदोर और अन्य 11 आश्रम स्कूलों के 250 से अधिक आवासीय छात्रों की तबियत खराब हो गई। बच्चों में पेट दर्द, उल्टी, मतली, दस्त जैसे लक्षण थे। इसके बाद आनन-फानन में छात्रों को मंगलवार सुबह इलाज के लिए पास के सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
प्रशासन ने बताया कि पीड़ित छात्रों का अस्पताल में इलाज चल रहा है और उनकी हालत स्थिर है। फूड प्वाइजनिंग का मामला सामने आने के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने सभी आश्रम स्कूलों में स्वास्थ्य टीमें भेजी हैं।
अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित स्कूल जिले के दहाणु, पालघर, तलासरी और वसई तालुका में स्थित हैं। कलेक्टर गोविंद बोडके खुद सारी स्थिति की जानकारी ले रहे हैं। अधिकारी प्रभावित आश्रम स्कूलों और अस्पतालों में जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे है। फूड पॉइजनिंग की पुष्टि के लिए सोमवार रात के खाने के सैंपल जांच के लिए लैब भेजा गया है।