शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राउत ने बाकायदा पत्रकारों के सामने घोषणा कि की महाराष्ट्र में एमवीए का विस्तार प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व वाली पार्टी वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए), सीपीआई, आम आदमी पार्टी (आप), समाजवादी पार्टी, सीपीआई-एम आदि के साथ किया गया है। ये सभी दल ‘इंडिया’ अलायंस में शामिल है. उन्हें गठबंधन में शामिल होने के लिए पत्र लिखे गए है।
लेकिन महाराष्ट्र में विपक्षी दलों की एकता फ़िलहाल बनती नहीं दिख रही है। वीबीए के मुखिया प्रकाश अंबेडकर ने दावा किया कि उनकी पार्टी अभी भी महाविकास अघाडी में शामिल नहीं है। उन्होंने कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले के अधिकार पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। अंबेडकर ने कहा कि कांग्रेस महासचिव रमेश चेन्निथला ने उन्हें बताया है कि कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण और बालासाहेब थोराट महाराष्ट्र में सीट बंटवारे से संबंधित फैसले लेंगे। लेकिन पत्र पर चव्हाण और थोराट के हस्ताक्षर नहीं हैं, बल्कि पटोले के है।
उधर, समाजवादी पार्टी भी राज्य में लोकसभा चुनाव पूरे दमखम से लड़ने के मूड में है। जबकि खबर है कि एमवीए के प्रमुख दल अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी को महाराष्ट्र में एक भी सीट देना नहीं चाहती है।
महाराष्ट्र में 2019 में एमवीए का गठन हुआ था। एमवीए गठबंधन में कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (उद्धव गुट) शामिल है। जबकि ये तीनों दल ‘इंडिया’ अलायंस का भी हिस्सा है। राज्य के कुछ छोटे दल भी विपक्षी गठबंधन का हिस्सा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अखिलेश यादव को संदेश भेजा गया है कि उनकी पार्टी को वोटों के बंटने से बचाने के लिए आगामी लोकसभा चुनाव में एमवीए का समर्थन करना चाहिए। साथ ही इस साल के अंत में होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को लड़ने के लिए अधिक सीटें देने का भी आश्वासन दिया गया है।
लेकिन अखिलेश यादव की पार्टी ने एमवीए से महाराष्ट्र में दो सीटों की मांग की है। जबकि पार्टी की महाराष्ट्र इकाई छह सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती है।
क्या महाविकास आघाडी में शामिल होगी समाजवादी पार्टी?
बता दें कि एमवीए सहयोगी दलों की 2 फरवरी को बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में लोकसभा के सीट आवंटन के फॉर्मूले का मसौदा तैयार होने की संभावना है।