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महाराष्ट्र के अमरावती में पिछले महीने हुए उमेश कोल्हे हत्याकांड में नया खुलासा हुआ है। आरोपियों से पूछताछ में एनआईए को एक ऐसी हिटलिस्ट की जानकारी मिली है, जिन्हें ये जान से मरने की प्लानिंग बना रहे थे। एनआईए सूत्रों के अनुसार इस हिटलिस्ट में सबसे पहला नाम गाजियाबाद के शिव शक्तिधाम डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद का है, जबकि इस लिस्ट में दूसरा नाम पूर्व बीजेपी नेता नूपुर शर्मा का है।
अमरावती के उमेश कोल्हे की हत्या महज एक शुरुआत थी। सूत्रों की माने तो हत्या के लिए ‘वुल्फ अटैक’ की रणनीति तैयार की गई थी। यानि की भेड़िया जिस तरह अपने शिकार के गले पर वारकर उसे दबोचता है और मार डालता है, ठीक प्रकार हत्या को अंजाम देने की पूरी प्लानिंग इन्होंने बनाई थी। यह भी पढ़ें: Maharashtra Politics: उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर लगाए शिवसेना को तोड़ने के आरोप, कहीं यह बात
एनआईए सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस संगठन का जन्म ही यति नरसिंहानंद की भड़काऊ बयानबाजी की वजह से हुआ था। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि ये सभी इस्लाम को पाक धर्म मानते हैं, जिसमें कोई बुरी बात नहीं है। साल 2020 में हुए दिल्ली दंगों से पहले यति नरसिंहानंद द्वारा इस्लाम और अल्लाह को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी हुई थी। इसकी वजह से आरोपियों में क्रोध और बढ़ने लगा। उसके बाद ही ये सभी आरोपी पहली बार एक कट्टरपंथी विचारधारा वाले संगठन के रूप में आए। आरोपी इरफान शेख ने अपने एनजीओ के पीछे इस संगठन को चलाना शुरू किया, जिसमें आरोपी आदिब रशीद, अब्दुल तौफीक, मुद्दसर, शाहरुख, शोएब खान, आरोपी डॉक्टर यूसुफ खान, और फरार आरोपी शमीम एक साथ आए।
संगठन बनने के बाद ये तय हुआ की इस्लाम या अल्लाह के खिलाफ बोलने वालों की पहचान करके उन्हें सबक सिखाया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, इन आरोपियों ने यति नरसिंहानंद को भी मौत के घाट उतारने की प्लानिंग बनाई थी, लेकिन अमरावती से गाजियाबाद जाना, फंड की कमी, बैकअप सपोर्ट में किसी बड़े ऑर्गेनाइजेशन का न होना, मुसलमानों के लिए प्रतिबंधित शिव शक्तिधाम डासना मंदिर के अंदर पुलिस बंदोबस्त के बीच घुसना, आरोपियों के लिए यह संभव नहीं लगा। इसी कारण इन आरोपियों ने तय किया गया कि डॉक्टर यूसुफ खान सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखे और उन लोगों की डिटेल्स निकाले जो इस्लाम या अल्लाह के खिलाफ बोल रहा है।
बता दें कि आरोपियों ने ये प्लानिंग बनाई थी कि सोशल मीडिया पर चिन्हित किए गए लोगों से सही समय आने पर बदला लिया जाएगा। हिजाब, नकाब विवाद के बीच मे ही पूर्व बीजेपी नेता नूपुर शर्मा का पैगम्बर मोहम्मद को लेकर बयान आया, जिसके बाद नूपुर शर्मा भी आरोपियों की इस हिटलिस्ट में शामिल हो गई। इस बीच आरोपी इरफान शेख अपने एनजीओ की आड़ में एक बैकअप सपोर्ट के लिए बड़े ऑर्गेनाइजेशन की तलाश कर रहा था और उन्हें पीएफआई के सपोर्ट की उम्मीद जगने लगी। जिसके चलते इरफान शेख कुछ संदिग्ध लोगों से भी कांटेक्ट में बना था। आरोपियों ने बताया कि उमेश कोल्हे की हत्या उनकी योजना की शुरुआत थी।
Updated on:
19 Jul 2022 09:19 pm
Published on:
19 Jul 2022 09:18 pm
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