एचएसआरपी नियम को लागू किएकरीब साढ़े तीन साल से ज्यादा हो गया है, जिसका मकसद वाहनों की चोरी पर लगाम लगाना और मानकीकरण है। जब नियमों का पालन नहीं किए जाने की वजह के बारे में पूछा गया तो वरिष्ठ अधिकारी ने एचएसआरपी नहीं लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कोई स्पेशल नियम नहीं होने का हवाला दिया। उन्होंने बताया कि इसी वजह से वे फैंसी नंबर प्लेट दिखने पर 2000 रुपये का जुर्माना ठोकते हैं।
साढ़े तीन साल पहले लागू हुआ था नियम: इसके बारे में एक अन्य अधिकारी ने बताया कि कुछ वाहन डीलर एचएसआरपी नियम को मजाक में ले रहे हैं और कस्टमर को हाई सुरक्षा वाले नंबर प्लेट लगाए बिना नए वाहन बेच रहे हैं। जबकि वाहन ग्राहक को सौंपने से पहले इस स्पेशल नंबर प्लेट को लगाना जरूरी है। इसको लेकर नया नियम एक अप्रैल 2019 को लागू हुआ था और महाराष्ट्र में तब से करीब 69 लाख नए वाहन रजिस्टर्ड किए गए है जिनमें से महज करीब 61 लाख वाहनों पर ही एचएसआरपी लगाए गए हैं जिन्हें आमतौर पर ‘आईएनडी’ या ‘इंडिया’ नंबर प्लेट कहा जाता है।
बता दें कि इस मामले में आरटीओ के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में रजिस्टर्ड लगभग 7.68 लाख नए वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगे हैं जिनमें राज्य के सीएम और डिप्टी सीएम जैसे वीवीआईपी द्वारा उपयोग किए जाने वाले बुलेट प्रूफ वाहन, पुलिस के इंटरसेप्टर और गश्ती वाहन, बेस्ट द्वारा संचालित बसें और अन्य शामिल हैं।
इस नियम के तहत वाहन को कस्टमर के सुपुर्द करने से पहले इस स्पेशल नंबर प्लेट को लगाना जरूरी है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के नए आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में करीब 27,740 वाहन चोरी हुए जिनमें से लगभग 3,282 वाहन अकेले मुंबई में चोरी हुए हैं।