शिवसेना से बागी हुए एकनाथ शिंदे ने मराठी में ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि शिवसेना विधायक भरत गोगावले को शिवसेना विधानमंडल का मुख्य प्रतिनिधि नियुक्त किया गया है। इसलिए सुनील प्रभु द्वारा विधायकों को आज शाम की बैठक को लेकर जारी आदेश गैरकानूनी है। दरअसल भरत गोगावले अभी गुवाहाटी में है और एकनाथ शिंदे के करीबी मानें जाते हैं। शिंदे के ट्वीट से साफ है कि उन्होंने चीफ व्हीफ की जिम्मेदारी गोगावले को दी है।
एकनाथ शिंदे के इस ट्वीट से एक बात तो साफ हो गई है कि वह आर-पार की लड़ाई के मुड में हैं। यही कारण है कि पार्टी को दोफाड़ कर वह बड़े गुट पर दावा ठोक रहे हैं। इस रुख से शिवसेना को बड़ा झटका फिर लगा है। अगर वह तिहाई विधायक तोड़कर शिवसेना से अलग होते हैं तो वह उनके नेता होने का दावा कर सकते हैं। हालांकि शिवसेना की तरफ से एकनाथ शिंदे और विधायकों को वापस लाने की तमाम कोशिशें की जारी हैं।
एकनाथ शिंदे अगर अन्य विधायकों के साथ अलग होते हैं तो शिवसेना के लिए यह अब तक का सबसे बड़ा झटका होगा। क्योंकि इससे पहले शिवसेना में ऐसा कभी नहीं हुआ है। छगन भुजबल, नारायण राणे और राज ठाकरे जैसे नेता भी शिवसेना को इतना नुकसान नहीं दे पाए थे। हालांकि इसकी बड़ी वजह यह भी थी कि तब बाला साहेब जिंदा थे।