ज्ञात हो कि राजधानी दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से सवाल किया कि अब उन्हें शिवसैनिकों की याद आ रही है? ढाई साल बाद? शिंदे ने सवाल किया कि पहले जब शिवसेना के कार्यकर्ता और पदाधिकारी मातोश्री जाते थे तो दुत्कारे जाते थे, वापस लौटा दिए जाते थे।
एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमें गद्दार कहने वाले खुद सत्ता जे लिए और मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए भाजपा से वर्षों पुराना गठबंधन तोड़ दिया। शिंदे ने कहा कि पोस्टरों और बैनरों में एक तरफ बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर और दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगाकर वोट मांगा लेकिन उसे छोड़ने में देर नहीं की। वे बोले कि जो खुद बालासाहेब के विचार छोड़ गए और उनका कहा भूल गए कि कांग्रेस-एनसीपी शिवसेना के दुश्मन है।
वहीं सीएम ने कहा कि हमने सत्ता के लिए ये सब नहीं किया है। हम सरकार में थे। मुझे पता नहीं था कि मैं मुख्यमंत्री बनूंगा। यह कदम मैंने सीएम बनने के लिए नहीं उठाया है। शिंदे ने कहा कि मेरे साथ जो लोग आए उनमें से कई मंत्री थे। लेकिन उन्होंने सब छोड़ दिया। हमनें जो किया वह सब बालासाहेब के विचारों और हिंदुत्व के लिए किया है।