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महाराष्ट्र: जल्द एकनाथ शिंदे के कब्जे में होगा शिवसेना भवन, विधायक के दावे से मचा हड़कंप

MLA Ravi Rana On Shiv Sena Bhavan: विधायक रवि राणा ने कहा कि नगर निगम चुनाव की घोषणा के बाद भी कई पार्षद उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ देंगे। शिंदे गुट में 80 से 90 फीसदी पूर्व पार्षद जुड़ेंगे। उन्होंने दावा किया की बीएमसी चुनाव में शिंदे गुट जीत का परचम फहराएगा।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Dec 29, 2022

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शिवसेना भवन

Shivsena Bhavan Mumbai: बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के मुख्यालय में शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट के बीच बुधवार शाम को तीखी नोकझोंक। जिसके बाद बीएमसी प्रशासन ने आज सुबह मुख्यालय के भूतल पर मौजूद सभी राजनीतिक दलों के कार्यालय सील कर दिए।

उद्धव गुट का आरोप है कि शिंदे गुट ने मुंबई नगर निगम जाकर शिवसेना कार्यालय पर कब्जा करने की कोशिश की. इस बीच चर्चा है कि शिंदे गुट शिवसेना भवन पर कब्जा करने की तैयारी में है। दरअसल अमरावती से विधायक और बीजेपी समर्थक रवि राणा ने बड़ा बयान दिया है। यह भी पढ़े-मुंबई में बीएमसी मुख्यालय में सभी राजनीतिक दलों के कार्यालय सील, शिंदे-उद्धव गुट में कल हुई थी नोकझोंक

रवि राणा ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जल्द ही शिवसेना भवन पर अपना अधिकार जमाएंगे। उन्हें उद्धव ठाकरे खुद शिवसेना भवन की चाभी सौंपेंगे. रवि राणा के इस बयान से राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। हालांकि राणा के बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं।

अमरावती की निर्दलीय सांसद नवनीत राणा के पति रवि राणा ने दावा किया कि मुंबई स्थित शिवसेना भवन भविष्य में एकनाथ शिंदे की शिवसेना के पास जायेगा। शिंदे शिवसेना भवन में दाखिल होंगे और इसे संभालेंगे। शिवसेना भवन कानूनन तौर पर शिंदे गुट को सौंपा जाएगा। शिंदे के पास बहुमत है। इसलिए सेना भवन शिंदे को ही दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे को शिवसेना भवन का कार्यभार एकनाथ शिंदे को देना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे अब दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा से नहीं जुड़े है। वे सोनिया गांधी और कांग्रेस की सोच बन गए हैं। चूंकि उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस की विचारधारा को अपनाकर बालासाहेब के विचारों की हत्या की है, इसलिए एकनाथ शिंदे जैसा बालासाहेब के विचारों वाला सच्चा शिवसैनिक सामने आया है।

शिवसेना भवन का नाम पार्टी के नाम पर रखा गया है। जब जिस व्यक्ति के पास पार्टी का बहुमत होता है, वह उसका नियंत्रण अपने हाथ ले लेता है। शिंदे को 80 से 90 फीसदी पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं का समर्थन हासिल है। शिंदे ने इसे साबित भी किया है। 40 विधायक शिंदे गुट में शामिल हो चुके हैं। कई नगरसेवक और पदाधिकारी भी शिंदे खेमे से जुड़ गए हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि एकनाथ शिंदे को अब शिवसेना भवन की कमान मिलने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

नगर निगम चुनाव की घोषणा के बाद भी कई पार्षद उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ देंगे। शिंदे गुट में 80 से 90 फीसदी पूर्व पार्षद जुड़ेंगे। उन्होंने दावा किया की बीएमसी चुनाव में शिंदे गुट जीत का परचम फहराएगा।