scriptMaharashtra Politics: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने की थी राज ठाकरे को मनाने की कोशिश? रामदास कदम का बड़ा खुलासा | Maharashtra Politics: Shiv Sena chief Uddhav Thackeray tried to persuade Raj Thackeray? Big disclosure of Ramdas Kadam | Patrika News

Maharashtra Politics: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने की थी राज ठाकरे को मनाने की कोशिश? रामदास कदम का बड़ा खुलासा

locationमुंबईPublished: Jul 28, 2022 06:06:18 pm

Submitted by:

Siddharth

महाराष्ट्र में शिवसेना की मुसीबतें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। शिवसेना के बागी विधायकों के तेवर ने उद्धव ठाकरे से सीएम की गद्दी छीन ली। इस बीच शिवसेना के नेता रामदास कदम ने बड़ा खुलासा किया है। रामदास कदम ने कहा उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे को मनाने की कोशिश थी।

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Uddhav Thackeray and Raj Thackeray

महाराष्ट्र में शिवसेना की मुसीबतें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शुरू हुआ सियासी घमासान अब भी जारी है। शिवसेना के बागी विधायकों के तेवर ने उद्धव ठाकरे से सीएम की गद्दी छीन ली। आरोप लगाए गए कि महाविकास अघाड़ी सरकार चलाने वाली एनसीपी ने भगवा खेमे को खत्म करने का प्लान बनाया था। अब यह खबर सामने आई है कि अगर रामदास कदम और दिवाकर राव कैबिनेट में होते तो अजित पवार को खुला मैदान नहीं मिलता। कोरोना के चलते उद्धव ठाकरे 2 साल से घर में थे। इस दौरान अजीत पवार ने प्रशासन पर अच्छी पकड़ बना ली। उन्होंने एनसीपी को बढ़ाने की पूरी कोशिश की।
विधायक रामदास कदम ने एक इंटरव्यू में कहा कि बालासाहेब के विचारों को किसने धोखा दिया? आदित्य ठाकरे को इस पर विचार करना चाहिए। आपकी उम्र क्या है? आपने अपने विधानसभा क्षेत्र में क्या किया? शिवसेना के बागी विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि हमारा कोई भी विधायक मातोश्री, उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे के खिलाफ बयान नहीं देगा। शिंदे खेमे के विधायक यह बात समझते हैं।
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रामदास कदम ने आगे कहा कि सभी विधायकों का मानना था कि आप एनसीपी का साथ छोड़ दीजिए, हम फिर आएंगे। हालांकि इनमें से कई विधायक संजय राउत की भाषा से नाराज हो गए। रामदास कदम ने आगे कहा कि बाला नंदगांवकर और मैं आखिरी समय तक राज ठाकरे के साथ थे। हम अच्छे दोस्त थे। जब राज ठाकरे शिवसेना छोड़कर जाने लगे तब मेरी आंखों में आंसू आ गए थे। मैं मातोश्री गया था और हमने उद्धव ठाकरे से पूछा कि क्या वह राज को रोकने की कोशिश करेंगे? उन्होंने इस बात पर हामी भी भरी। लेकिन ये कोशिश कामयाब नहीं हुई। मैं अभी भी ये सोचता हूँ कि क्या उद्धव ठाकरे मुझसे इसलिए नाराज थे क्योंकि मैं राज ठाकरे के करीब था।
रामदास कदम ने कहा कि दो दिन पहले मेरी मनसे प्रमुख राज ठाकरे से फोन पर बातचीत हुई थी। राज ठाकरे ने मुझे चाय पीने का निमंत्रण दिया। अगर मैं जाऊंगा तो मेरे पेट में जो है वो बाहर आ जाएगा। राज ठाकरे मेरे साथ रहे। बालासाहेब के विचारों के साथ रहे। हमारी दोस्ती हमेशा के लिए है। मेरा बेटा एकनाथ शिंदे के साथ है, वह किसी पार्टी में शामिल नहीं होगा।
बता दें पिछले 25 साल से शिवसेना मुंबई नगर निगम पर शासन कर रही है। 25 साल पहले कितने मराठी लोग बचे थे और अब कितने हैं? हमने मराठी लोगों के लिए क्या किया है? इसका उत्तर देना चाहिए। शिवसेना मराठी लोगों के अधिकारों के लिए हमेशा से लड़ी है। रामदास कदम ने ठाकरे परिवार पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि हमने नगर निगम के काम में कभी दखल नहीं दिया।
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