
मुंबई में हिन्दी बोलने पर 30 साल की मां ने इकलौती बेटी को मार डाला।
Mother Kills Daughter: महाराष्ट्र में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां एक 30 साल की मां ने अपनी ही छह साल की बेटी को सिर्फ इसलिए मार डाला, क्योंकि वह हिन्दी में बात करती थी। मां चाहती थी कि बेटी मराठी बोले, लेकिन बेटी हिन्दी बोलने में ज्यादा माहिर थी। पुलिस के अनुसार, हिन्दी बोलने पर मां ऐसा भड़की कि उसने बेटी का मुंह और नाक दबाकर पेट पर पूरी ताकत से घुटना रख दिया। इससे बच्ची की तड़प-तड़पकर मौत हो गई। बेटी की मौत के बाद मां ने बड़ी चतुराई से अपराध छिपाने के लिए उसे अस्पताल पहुंचा दिया, लेकिन यही गलती उसे भारी पड़ गई और हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज हो गया।
दरअसल, यह घटना मुंबई के पनवेल स्थित कलांबोली थानाक्षेत्र की है। अपनी ही छह साल की बेटी को मौत के घाट उतारने वाली मां सुप्रिया प्रमोद म्हामुणकर की उम्र महज 30 साल है। पुलिस की प्राथमिक पूछताछ में सामने आया कि महिला हमेशा लड़का चाहती थी, लेकिन पहली प्रेग्नेंसी में उसे बेटी हुई। इससे महिला इतने अवसाद में रहने लगी कि उसे डॉक्टर से दवाएं लेनी पड़ीं। दूसरी ओर, बेटी जैसे-जैसे बड़ी हो रही थी, उसका हिन्दी के प्रति लगाव बढ़ रहा था। जबकि उसकी मां यानी सुप्रिया प्रमोद म्हामुणकर चाहती थी कि बेटी मराठी का ज्यादा प्रयोग करे।
कलांबोली पुलिस के अनुसार, घटना 23 दिसंबर की है। महिला देर शाम अपनी छह साल की बेटी को बेसुध हालत में पनवेल उप जिला अस्पताल लेकर पहुंची, जहां उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया और बच्ची की हालत का कारण पूछा। इसपर महिला ने बताया कि बच्ची बीमार रहती थी। शायद बीमारी की वजह से उसकी मौत हो गई, लेकिन डॉक्टरों ने जब बच्ची के शरीर का निरीक्षण किया तो उसकी गर्दन पर चोट के निशान मिले। इसके बाद डॉक्टरों ने पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस ने बच्ची के शव का पोस्टमार्टम कराया। इसके बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची का गला घोटने का खुलासा हुआ।
शुक्रवार यानी 26 दिसंबर को पुलिस ने 30 साल की सुप्रिया प्रमोद म्हामुणकर को गिरफ्तार कर पनवेल कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे तीन दिनों के लिए पुलिस हिरासत में दिया गया। ताकि यह पता लगाया जा सके कि हत्या के पीछे और कौन सी वजहें थीं। प्राथमिक पूछताछ में महिला ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। पुलिस का कहना है कि महिला अपनी बेटी से प्यार नहीं करती थी। इसके अलावा हिन्दी बोलने की वजह से उसे डांटती भी थी। 23 दिसंबर को भी बेटी हिन्दी में बात कर रही थी। इसलिए महिला ने उसे मार डाला।
कलांबोली थाना प्रभारी राजेंद्र कोटे ने बताया कि अपनी ही बेटी की हत्या करने वाली मां काफी पढ़ी-लिखी है। उसने बीएससी की डिग्री ली है, जबकि उसका पति प्रमोद आईटी इंजीनियर है। वह अपने परिवार के साथ कलांबोली के सेक्टर-1 ई स्थित गुरु संकल्प सोसायटी में रहती है। पुलिस पूछताछ में सुप्रिया के पति प्रमोद ने बताया कि उनकी शादी साल 2018 में हुई थी। मई 2019 में जब बेटी महज एक महीने की थी और वह परिवार के साथ पाली रायगढ़ में रहता था, तब भी सुप्रिया ने बेटी को मारने का प्रयास किया था। उस दौरान बच्ची बेजान हो गई तो सुप्रिया घबरा गई और उसे तुरंत डॉक्टर के पास पहुंचाया।
थाना प्रभारी राजेंद्र कोटे ने बताया कि शुक्रवार को महिला को शक के आधार पर हिरासत में लिया गया, क्योंकि घर में उस समय कोई और नहीं था। इसलिए पुलिस के लिए प्राइम सस्पेक्ट सुप्रिया ही थीं। शक के लिए प्लस पॉइंट ये था कि सुप्रिया साल 2024 से एक मनोचिकित्सक से अपना इलाज करवा रही थीं। शुक्रवार को उससे पूछताछ की गई तो पहले उसने टाल मटोल किया, लेकिन सख्ती और सबूत दिखाने पर वह टूट गई। इस दौरान सुप्रिया ने बताया "मैं बेटा चाहती थी, लेकिन मुझे पहली संतान के रूप में बेटी मिली। इसके बाद बेटी हिन्दी बोलने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाती थी, जबकि मैं उसे मराठी सिखा रही थी।"
महिला ने आगे बताया "मैं बेटा चाहती थी, जबकि मेरा पति दूसरा बच्चा करने को तैयार नहीं था। 23 दिसंबर को भी मेरी बेटी हिन्दी में बात कर रही थी। इसके चलते मुझे बहुत गुस्सा आया और मैंने बेटी की नाक और मुंह हाथ से दबा दिया। इसके बाद उसके पेट पर पूरी ताकत के साथ घुटना रखकर गला घोट दिया।" पुलिस ने महिला को पूछताछ के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे तीन दिन की पुलिस कस्टडी में दिया गया है। ताकि अपराध की बारीकी का पता लगाया जा सके।
Updated on:
27 Dec 2025 05:58 pm
Published on:
27 Dec 2025 05:37 pm
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