इस बारे में पासबान ए अदब संस्था के अध्यक्ष क़ासिद खालिद ने बताया कि समाज में रिश्तों की अहमियत कम हो रही है। लोगों के बीच अलगाव बढ़ता जा रहा है। हम अलग अलग भाषा के माध्यम से लोगों के बीच संवाद स्थापित कर लोगों में आपसी भाई चारा बढ़ाने की कोशिश इस कार्यक्रम के माध्यम से करते हैं। प्रति वर्ष की भांति इस बार भी हम हिंदी,मराठी और उर्दू भाषा के साहित्यकारों के साथ 11 वे अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन 24 अगस्त को करने जा रहे हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत दोपहर 2 बजे से होगी औऱ यह रात को तकरीबन 9.30 बजे तक चलेगा। इस दौरान पहले इज़हार (कवि सम्मेलन) का कार्यक्रम पेश किया जाएगा, जिसमें देश विदेश के उर्दू/हिंदी के शायरों की तरफ से शायरी और कविता का पाठ और युवा और महिला कवियों की ओर से मुशायरा किया जाएगा। इस कार्यक्रम जावेद अख्तर सहित देश के प्रसिद्ध कविगण शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में दास्तानगोई (कहानी पाठ) के तहत महाभारत की कथा के बारे में बताया जाएगा। इसके साथ साथ एक नई विधा के तहत गजलों और कथक नृत्य का अद्भुत समागम रसके नगमा पेश किया जाएगा। युवा कवियों को प्रोत्साहित करने के लिए ओपन माइक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। अभी तक 20 महाविद्यालय के बच्चों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। इसमें 3 सर्वश्रेष्ठ रचनाओं को एल आई सी की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा।