महाराष्ट्र के सोलापुर की रहने वाली अवनी नकटे के पिता अतुल नकटे ने बताया कि मेरी बेटी खेल रही थी। खेलते-खेलते अचानक उसके सीने में तेज दर्द हुआ। इसके बाद उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया। बच्ची को चेक करने के बाद डॉक्टर ने एनजीओग्राफी कराने को कहा। एनजीओग्राफी की रिपोर्ट में उसकी रक्त वाहिका की स्थिति अच्छी नहीं थी। इसके बाद इलाज के लिए बच्ची को तुरंत मुंबई के एचएन रिलायंस फाउंडेशन हास्पिटल में भर्ती कराया गया।
बता दें कि एचएन रिलायंस फाउंडेशन हास्पिटल के डॉक्टर यह देखकर आश्चर्यचकित हो गए कि आखिर एक 9 साल की बच्ची की रक्त वाहिका की हालत 65 साल के व्यक्ति जैसी कैसे हो सकती है। डॉक्टरों के मुताबिक, वह हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया से पीड़ित थी। ऐसे केस में शरीर के अंदर कोलेस्ट्राल की मात्रा बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया को लिपिड डिसआर्डर के रूप में भी जाना जाता है।
टेस्ट में पता चला कि खराब कोलेस्ट्राल की मात्रा सामान्य से बहुत अधिक था। एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में बाल चिकित्सा एवं हृदय विज्ञान विभाग के प्रमुख डा शिव प्रकाश कृष्ण नाइक ने बताया कि 30 साल के अपने करियर में मैंने 10 हजार से अधिक ओपेन हर्ट सर्जरी की है। लेकिन यह सर्जरी सबसे अलग थी, क्योंकि इस तरह की दिल की बीमारी बच्चों में नहीं देखी जाती।
बच्ची की बाईपास सर्जरी कर बचा लिया गया है। अब बच्ची नार्मल जिंदगी जी रही है। हालांकि, उसे अभी कुछ दवाएं लेनी पड़ रही हैं। कार्डियोवैस्कुलर सर्जन डा बिपिन चंद्र भामरे ने बताया कि विशेषज्ञों की एक टीम इस पूरे मामले में गहन चिकित्सकीय स्टडी कर रही है। उसका खराब कोलेस्ट्राल दोबारा ना बढ़े, इसके लिए बच्ची को प्रभावी दवाएं दी जा रही हैं।