
काली-पीली टैक्सी प्रीमियर पद्मिनी 6 दशक बाद 30 अक्टूबर से बंद
Premier Padmini Kaali Peeli Taxi: मुंबई की शान कही जाने वाली 'प्रीमियर पद्मिनी' यानी 'काली-पीली' टैक्सी अब शहर की सड़कों पर दौड़ती नजर नहीं आएगी। छह दशक की सेवा के बाद इस काली-पीली टैक्सी का सफर आज (29 अक्टूबर) को खत्म हो जाएगा। काली-पीली टैक्सियों का मुंबई के साथ एक अनोखा संबंध रहा है। यह केवल परिवहन के साधन से कहीं अधिक थी और शहर के हर पहलू से जुड़ी हुई थी।
परिवहन विभाग के अनुसार कल 30 से मुंबई की आखिरी बची प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी MH-01-JA-2556 नहीं चलेगी और इसका आज आखिरी दिन है। दरअसल मुंबई में कैब की आयु सीमा 20 वर्ष है। इस वजह से आखिरी प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी पर हमेशा के लिए ब्रेक लग रहा है। यह भी पढ़े-महाराष्ट्र के इस गांव में 350 साल से हो रही रावण की पूजा, दशहरा पर लगते हैं दशानन के जयकारे
मुंबई की पहचान रही बेस्ट की पुरानी डबल डेकर बस हाल ही में रिटायर हुई और अब काली-पीली पद्मिनी टैक्सी भी मुंबई की सड़कों से गायब होने जा रही है।
सोमवार से मुंबई की सड़कों पर काली-पीली प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी नजर नहीं आएगी। अपने रंग के कारण इस प्रसिद्ध टैक्सी को यह नाम मिला है।
वाहनों के नए-नए मॉडल और ऐप आधारित कैब सेवाओं की वजह से मुंबई में इस टैक्सी की संख्या लगातार कम होती गयी और अब यह बंद हो रही है। लेकिन मुंबई की सड़कों पर नई मॉडल की काली-पीली टैक्सी चलेगी।
परिवहन विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, आखिरी 'प्रीमियर पद्मिनी' को 29 अक्टूबर 2003 को ताड़देव आरटीओ में काली-पीली टैक्सी के रूप में पंजीकृत किया गया था।
आखिरी पद्मिनी टैक्सी के मालिक अब्दुल करीम कारसेकर (Abdul Kareem Karsekar) है। प्रभादेवी निवासी कारसेकर ने कहा, यह टैक्सी मुंबई की शान है।
'प्रीमियर पद्मिनी' टैक्सी की शुरुआत 1964 में हुई थी। वहीँ, 2001 से इन टैक्सियों का प्रोडक्शन बंद है। इसलिए इसे एक युग का अंत कहा जा रहा है!
Published on:
29 Oct 2023 07:57 pm
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