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Mumbai News: मुंबई को मिला पहला अनोखा रिसर्च सेंटर, यहां किया जाएगा लोगों की खुशी पर रिसर्च

locationमुंबईPublished: Sep 27, 2022 05:37:47 pm

Submitted by:

Siddharth

आज मुंबई को बेदह ही खास सौगात मिल गई है। दरअसल मुंबईको खुशी में सुधार के तरीकों और उपकरणों का स्टडी करने के लिए एक डेडीकेटेड रिसर्च सेंटर मिल गया है। यह महाराष्ट्र का पहला हैप्पीनेस रिसर्च सेंटर है।

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आज मुंबई को बेदह ही खास सौगात मिल गई है। मुंबई को खुशी में सुधार के तरीकों और उपकरणों का स्टडी करने के लिए एक अनोखा डेडीकेटेड रिसर्च सेंटर मिल गया है। हैप्पीप्लस कंसल्टिंग, एआई और मशीन लर्निंग (एमएल)-सक्षम एचआर कंसल्टेंसी और महाराष्ट्र सरकार द्वारा संचालित सिडेनहैम इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज एंड रिसर्च एंड एंटरप्रेन्योरशिप एजुकेशन (SIMSREE) की मदद से हैप्पीनेस रिसर्च सेंटर की शुरूआत होने जा रहा है। यह महाराष्ट्र में अपनी तरह का पहला रिसर्च सेंटर है।
एसआईएमएसआरइइ और हैप्पीप्लस के अधिकारियों ने बताया कि केंद्र नागरिकों, खासकर स्टूडेंट्स की जिंदगी को और बेहतर बनाने के तरीकों की पहचान करने के लिए अनुसंधान और शिक्षण आयोजित करेगा। यह अभूतपूर्व रिसर्च और ज्ञान के प्रसार के माध्यम से किया जाएगा।
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इस प्रकार के रिसर्च सेंटर की जरूरत के बारे में बताते हुए, SIMSREE के निदेशक डॉ श्रीनिवास धुरे ने बताया कि खुशी पर रिसर्च से पता चला है कि खुश कर्मचारी भी ज्यादा प्रोडक्टिव होते हैं। कई प्रकार के रिसर्चों में पाया गया है कि खुश रहने वाले लोग हेल्थी रहते हैं और खुश रहने वाले शख्स में रोग प्रतिरोधक क्षमता का स्तर भी ज्यादा रहता है। हमारे पास एक रिसर्च सेंटर है, लेकिन एक खुशी अनुसंधान केंद्र शुरू करने से हम चरित्र के साथ अच्छे मैनेजर का विकास कर सकेंगे।
बता दें कि यह महाराष्ट्र का पहला हैप्पीनेस रिसर्च सेंटर है। शुरू में इस योजना से खुशी सूचकांक को मापने के लिए रिसर्च करने की है, जो अपने आप से काम को बढ़ोतरी की तरफ ले जाती है। श्रीनिवास धुरे ने बताया कि हमारे स्टूडेंट्स द्वारा उद्योगों और कंपनियों में खुशी के अंशों पर अच्छी तरह से रिसर्च किया जाएगा। सरकारी नीतियों को तैयार करने और यहां तक कि हमारे प्रबंधन पाठ्यक्रम में जोड़ने के लिए परिणामों का प्रस्ताव किया जा सकता है। प्रबंधन में नियमित पाठ्यक्रमों में व्यक्तित्व विकास, सार्वजनिक स्पीकिंग को संवारना आदि शामिल हैं।
इस बारे में श्रीनिवास धुरे ने आगे बताया कि हालांकि, हम इसमें एक और पहलू (चरित्र निर्माण) जोड़ना चाहते हैं। इसके कई आयाम हैं। सबसे महत्वपूर्ण खुश और शांत रहना है। हमें मालूम हैं कि एक सामान्य पाठ्यक्रम होने से अब अधिक असर नहीं पड़ेगा, अब हम एक ऐसे युग में हैं जहां हमें चरित्र के साथ प्रबंधकों को प्रशिक्षित और विकसित करने की जरूरत है।
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