शिकायत दर्ज करने वाले एक यात्री ने बताया कि स्टेशन मास्टर को साइन बोर्ड या किसी दूसरे तरीके से यात्रियों को अलर्ट करना चाहिए था। ट्रेन शाम 4:30 बजे के बाद पालघर पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन यह 1:54 बजे ही पहुंच गई, जिससे हम सबकी ट्रेन छूट गई। एक अन्य यात्री ने कहा कि तकनीकी रूप से, हम रिफंड के लिए भी पात्र नहीं हैं. यह रेलवे की तरफ से एक कम्युनिकेशन गैप का मामला है और रेलवे को कोई रास्ता निकालना चाहिए। इसमें हमारी क्या गलती है? वहीं इस मामले को लेकर पश्चिम रेलवे (डब्ल्यूआर) के अधिकारियों ने कहा कि प्रचलित प्रोटोकॉल के मुताबिक, हर ट्रेन के रीशेडूल होने पर दिए गए नंबर पर ऑटोमेटिक मैसेज भेजे जाते हैं।
बता दे कि इस मुद्दे पर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने बताया कि ये मामला सामने आने के बाद हमने सभी यात्रियों की शिकायतों पर ध्यान दिया हैं। पुराने टाइम टेबल के मुताबिक, दादर से ट्रेन संख्या 14708 का छूटने का समय दोपहर 12.35 बजे था। वहीं, नए टाइम टेबल में, इसके छूटने समय को बदलकर 3.15 बजे किया गया था। समय सारिणी को पालघर स्टेशन अधीक्षक द्वारा अपडेट किया गया था। बाद में, ट्रेन के छूटने का समय वापस बदलकर 12.35 कर दिया गया। यात्रियों को ट्रेन के समय में हुए बदलाव के बारे में सूचित करने के लिए एसएमएस भेजे गए थे। यात्रियों से गलती हुई क्योंकि उन्होंने पालघर स्टेशन पर बोर्ड देखा था।
सोमवार को वेस्टर्न रेलवे को एक कठिन परीक्षा का सामना करना पड़ेगा, जो नए टाइम टेबल के बाद से सप्ताह का पहला कार्य दिवस है, जिसने ट्रेनों के समय में कई बदलाव किए हैं, जिनमें एसी लोकल ट्रेन वाली और नियमित ट्रेनें शामिल हैं। पहले ही यात्रियों ने वेस्टर्न रेलवे को याचिका दी है कि बोरीवली से सुबह 7:54 बजे चलने वाले एसी लोकल के समय में कोई बदलाव न किया जाए।