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मुंबई

नागपुर के ESIC हॉस्पिटल में चल रहा था कमीशनखोरी का स्कैम, सर्जन बर्खास्त- जानें पूरा मामला

Nagpur ESIC Hospital Commission Scam: ईएसआईसी अस्पताल केवल ईएसआईसी द्वारा बीमित 3.63 लाख श्रमिकों और उनके 11.33 लाख परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए है। इसके तहत इलाज का खर्च कर्मचारियों के वेतन से काटे गए अंशदान से दिया जाता है। जबकि इसमें कम करने वाले डॉक्टरों के वेतन का भुगतान भी इसी पैसे से होता है।

मुंबईJul 20, 2022 / 06:17 pm

Dinesh Dubey

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ईएसआईसी अस्पताल में पकड़ा गया स्कैम

Nagpur News: महाराष्ट्र (Maharashtra) के नागपुर के कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) अस्पताल में कमीशनखोरी स्कैम में शामिल एक डॉक्टर को बर्खास्त कर दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस स्कैम में अस्पताल के और लोग शामिल है, जिनके नामों का खुलासा आगे की जांच के बाद हो सकता है।
मिली जानकारी के मुताबिक, ईएसआईसी अस्पताल में आने वाले मरीजों को एक प्राइवेट अस्पताल में भेजा जा रहा था और फिर इसे भुगतान के लिए ईएसआईसी को भेजा जा रहा था। यहां तक की बिल में इलाज का खर्च भी बढ़ा चढ़ाकर दिखाया जाता था।
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ऐसे किया जा रहा था घोटाला

बता दें कि ईएसआईसी अस्पताल केवल ईएसआईसी द्वारा बीमित 3.63 लाख श्रमिकों और उनके 11.33 लाख परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए है। इसके तहत इलाज का खर्च कर्मचारियों के वेतन से काटे गए अंशदान से दिया जाता है। जबकि इसमें कम करने वाले डॉक्टरों के वेतन का भुगतान भी इसी पैसे से होता है।
हालांकि, कई बार ईएसआईसी अस्पताल में सुविधाओं की कमी या कर्मचारी के इलाज में सक्षम नहीं होने के चलते उन्हें प्राइवेट अस्पतालों में भेजा जाता है। ऐसे मामलों में ईएसआईसी प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाने के बिल का भी भुगतान करती है। आरोपी डॉक्टर ने इसी व्यवस्था का फायदा उठाया और लाखों रूपये का घोटाला किया।

कमीशन में मिल रही थी मोटी रकम

रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपी डॉक्टर करीब 18 महीने पहले कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर ईएसआईसी अस्पताल में बतौर सर्जन जॉइन हुआ था। वह एक प्राइवेट अस्पताल में भी डॉक्टर है। आरोपी डॉक्टर ने कथित तौर पर उन मरीजों को भी सर्जरी की सिफारिश की जिन्हें उनकी जरूरत नहीं थी। इसके अलावा, ईएसआईसी अस्पताल में उन सर्जरी की सुविधा होने के बावजूद भी वह मरीजों को प्राइवेट अस्पताल में रेफर कर देता था। कथित तौर पर आरोपी डॉक्टर को इसके लिए प्राइवेट अस्पताल से प्रति मरीज मोटी रकम बतौर कमीशन दी जाती थी।
प्राथमिक जांच में इस तरह के करीब दो दर्जन मामले और आठ लाख रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ है। ईएसआईसी अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक के अनुसार, आरोपी डॉक्टर की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं और इस स्कैम की जांच के लिए एक कमेटी गठित की गयी है।
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