
नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे परियोजना को महाराष्ट्र सरकार ने हरी झंडी दे दी है। इस परियोजना के लिए सरकार ने कुल 20,787 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। सरकार के इस फैसले के बाद अब जिन जिलों से यह महामार्ग गुजरने वाला है, वहां के कई किसान आक्रोशित हो गए हैं। परभणी, नांदेड और हिंगोली जिलों के किसान इस परियोजना का जोरदार विरोध कर रहे हैं। आज नांदेड में किसानों ने शक्तिपीठ महामार्ग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया है। किसानों का कहना है कि वे शक्तिपीठ महामार्ग के लिए अपनी एक इंच भी जमीन नहीं देंगे। किसानों ने मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्रियों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की। हालांकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जिन किसानों के खेतों से यह एक्सप्रेसवे गुजरने वाला है उन्होंने ही उनसे इस परियोजना को गति देने का निवेदन किया है। जहां भी भूमि अधिग्रहण के डर से परियोजना का विरोध हो रहा है, वहां के किसानों से बातचीत की जाएगी।
सीएम फडणवीस कि अगुवाई में महाराष्ट्र कैबिनेट ने मंगलवार को महत्वाकांक्षी ‘महाराष्ट्र शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे’ के लिए 20,787 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दी। यह एक्सप्रेसवे पूर्वी महाराष्ट्र को दक्षिणी कोंकण से जोड़ते हुए 12 जिलों से होकर गुजरेगा।
महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) इस परियोजना को लागू करेगा। हुडको ने लगभग 7,500 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण के लिए 12,000 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया है।
802 किमी लंबा एक्सप्रेसवे वर्धा जिले के पवनार को सिंधुदुर्ग जिले में महाराष्ट्र-गोवा सीमा पर स्थित पात्रादेवी से जोड़ेगा और इससे नागपुर और गोवा के बीच यात्रा का समय मौजूदा 18 घंटे से घटकर आठ घंटे होने की उम्मीद है।
यह एक्सप्रेसवे हाई-स्पीड कॉरिडोर वर्धा, यवतमाल, हिंगोली, नांदेड़, परभणी, बीड, लातूर, धाराशिव, सोलापुर, सांगली, कोल्हापुर, सिंधुदुर्ग जिलों से होकर गुजरेगा।
शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे का उद्देश्य अंबाजोगाई, औंधा नागनाथ और परली वैजनाथ के दो ज्योतिर्लिंगों, करंजा-लाड, अक्कलकोट, औदुम्बर और नरसोबाची वाड़ी जैसे प्रमुख आध्यात्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के अलावा माहुर, तुलजापुर, कोल्हापुर और पंढरपुर जैसे प्रमुख तीर्थ स्थलों को जोड़ना है।
Updated on:
25 Jun 2025 05:46 pm
Published on:
25 Jun 2025 05:45 pm
बड़ी खबरें
View Allमुंबई
महाराष्ट्र न्यूज़
ट्रेंडिंग
