22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Nagpur News: इलेक्ट्रिसिटी बिल अपडेट करने का आया मैसेज, लिंक पर क्लिक करते ही खाली हो गया अकाउंट; गायब हुए 2.14 लाख रुपये

महाराष्ट्र के नागपुर जिले में बिजली के बिल के नाम पर एक शख्स को लाखों का चुना लग गया है। नागपुर के 48 साल के शख्स को टेक्स्ट मैसेज कर बिजली बिल अपडेट करने को कहा। इसके लिए भेजे गए लिंक पर क्लिक करते ही उसके बैंक खाते से 2.14 लाख रुपये गायब हो गए।

2 min read
Google source verification
fraud.jpg

Fraud

महाराष्ट्र के नागपुर जिले में बिजली के बिल के नाम पर एक शख्स को लाखों का चुना लग गया है। खुद को इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट का अधिकारी बताने वाले धोखेबाजों ने नागपुर के 48 साल के शख्स को टेक्स्ट मैसेज कर बिजली बिल अपडेट करने को कहा। दरअसल मैसेज के माध्यम से शख्स को एक ऑनलाइन लिंक भेजा गया था, जिस पर क्लिक करते ही शख्स के बैंक खाते से 2.14 लाख रुपए गायब हो गए।

इस मामले में पीड़ित शख्स को मोबाइल फोन पर एक टेक्स्ट मैसेज आया था जिसमें इस बात का ज्रिक हुआ था कि अगर बिजली बिल अपडेट नहीं किया गया और बकाया बिजली बिल का भुगतान नहीं किया गया तो बिजली कनेक्शन कट हो जाएगा। यह भी पढ़े: Mumbai News: उद्धव गुट को बॉम्बे हाईकोर्ट से लगा झटका, शिंदे खेमे को दीपोत्सव कार्यक्रम की मिली अनुमति

बता दें कि इस मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़ित शख्स को मैसेज देखकर ऐसा लगा कि ये मैसेज महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड यानी MSEDCL की तरफ से आया है। मैसेज मिलने के बाद इस शख्स ने जिस नंबर से मैसेज आया उस नंबर पर फोन किया और सामने वाले ने पीड़ित शख्स को मोबाइल में रिमोट एक्सेस ऐप इंस्टॉल करने का आदेश दिया।

मोबाइल एप को डाउनलोड करने के बाद इन ठगों ने पीड़ित शख्स से बिजली बिल का भुगतान करने के लिए कहा। इसके बाद शख्स को पूरा भरोसा हो गया। इसके बाद वह बिजली बिल का ही भुगतान करने जा रहा है और देखते ही देखते उन्होंने साइबर ठगों से मिले खतरनाक लिंक पर क्लिक कर दिया। लिंक पर क्लिक करते ही इस शख्स के बैंक अकाउंट से 2.14 लाख रुपये किसी दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर हो गए।

ठगी का शिकार होने के बाद शख्स ने अपने साथ हुई इस घटना की पूरी जानकारी नागपुर पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस ने इस मामले को अलग-अलग धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। भारतीय दंड संहिता के तहत धोखाधड़ी और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।