
महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर हुए प्रदर्शन के दौरान धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि नागपुर के गणेशपेठ थाने में महाराष्ट्र और गोवा के वीएचपी प्रभारी सचिव गोविंद शेंडे सहित अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। वीएचपी और बजरंग दल के प्रदर्शन के बाद ही सोमवार शाम में मामले ने तूल पकड़ा था और मध्य नागपुर के कुछ इलाकों में हिंसा भड़की थी।
पुलिस के अनुसार, महाल इलाके में सोमवार दोपहर में दक्षिणपंथी संगठन द्वारा किये गए आंदोलन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया था। हालांकि विश्व हिंदू परिषद ने नागपुर हिंसा को पूर्व नियोजित बताया है। वीएचपी ने उन दावों को भी खारिज किया है कि नागपुर में उनके विरोध प्रदर्शन के दौरान धार्मिक पंक्तियां लिखी हुई चादर जलाई गई, जिसके चलते हिंसा भड़की। वहीं बजरंग दल ने भी आरोपों का खंडन किया है और दावा किया कि उन्होंने प्रदर्शन के दौरान केवल औरंगजेब का पुतला फूंका था।
गणेशपेठ थाने के अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के पदाधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। आरोपियों में अमोल ठाकरे, डॉ. महाजन, तयानी, रजत पुरी, सुशील, वृषभ अर्खेल, शुभम और मुकेश बारापात्रे के नाम शामिल हैं। हालांकि, अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को नागपुर हिंसा पर विधानसभा में बयान दिया। उन्होंने बताया कि यह हिंसा एक अफवाह से शुरू हुई। सोमवार दोपहर को अफवाह फैली कि औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर हिंदू समूहों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन में जिस प्रतीकात्मक कब्र को जलाया गया, उस पर रखी चादर पर धार्मिक चिह्न था। देखते ही देखते हालात बिगड़ गए और नागपुर के कई इलाकों में हिंसा भड़क उठी। इस उपद्रव में 34 पुलिसकर्मी और पांच अन्य लोग घायल हुए, दर्जनों वाहनों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई। हथियारों से लैस उपद्रवियों ने घरों पर भी पथराव किया।
बता दें कि नागपुर में सोमवार रात में हिंसा के बाद 11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। जिन इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है, उनमें कोतवाली, तहसील, गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर थाना क्षेत्र शामिल हैं। इस मामले में पांच एफआईआर दर्ज की गई हैं और आरोपियों की धरपकड़ जारी है। कम से कम 50 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
नागपुर में अब तनावपूर्ण शांति है। पुलिस कमिश्नर रविंदर सिंघल (Nagpur Police Commissioner Ravinder Singal) ने देर शाम में अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ हिंसा प्रभावित क्षेत्र में फ्लैग मार्च निकाला। संवेदनशील इलाकों में राज्य रिजर्व पुलिस फोर्स (एसआरपीएफ) की पांच टुकड़ियां तैनात की गई हैं। सुरक्षा बल लगातार गश्त कर रहे हैं और पूरे शहर में नाकाबंदी की गई है।
Updated on:
19 Mar 2025 12:02 am
Published on:
18 Mar 2025 10:03 pm
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