
Nashik Simhastha Kumbh Mela 2027
Simhastha Kumbh Mela in Nashik : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को नासिक में 2027 में होने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले की तैयारियों को लेकर महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में 13 अखाड़ों के संतों और पुरोहित संघ के प्रतिनिधियों और विभिन्न संबंधित एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक के बाद सिंहस्थ कुंभ मेले की महत्वपूर्ण तिथियों की घोषणा की गई।
सिंहस्थ कुंभ मेला 31 अक्टूबर 2026 को त्र्यंबकेश्वर के साथ-साथ रामकुंड और पंचवटी में ध्वजारोहण के साथ शुरू होगा और 24 जुलाई 2028 तक चलेगा। नासिक में 29 जुलाई 2027 को 'नगर प्रदक्षिणा' होगी, जबकि पहला 'अमृत स्नान' 2 अगस्त 2027 को होगा। दूसरा अमृत स्नान 31 अगस्त 2027 को होगा और तीसरा और अंतिम स्नान 11 सितंबर 2027 को नासिक में और 12 सितंबर 2027 को त्र्यंबकेश्वर में होगा। ध्वज को 24 जुलाई 2028 को उतार लिया जाएगा, जो सिंहस्थ कुंभ मेले के समापन का प्रतीक होगा। यह 12 वर्षों में एक बार आयोजित होता है।
तारीखों की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, 4000 करोड़ रुपये की लागत वाले कार्यों के टेंडर जारी की जा चुकी हैं। 2000 करोड़ रुपये की लागत वाले अन्य कामों के टेंडर भी जल्द ही जारी किए जाएंगे। सीवेज शोधन संयंत्र (एसटीपी), गोदावरी नदी की सफाई और 'साधुग्राम' के लिए भूमि अधिग्रहण का काम जारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सिंहस्थ कुंभ मेले को यादगार बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने बैठक के दौरान महंत राजेंद्रदास महाराज के इस सुझाव को भी स्वीकार कर लिया कि 'शाही स्नान' को 'अमृत स्नान' कहा जाना चाहिए, जिस प्रकार उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हाल ही में संपन्न कुंभ मेले में किया गया था।
भगदड़ जैसी स्थिति न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए भीड़ नियंत्रण और प्रबंधन के बारे में सीएम फडणवीस ने कहा कि 'अमृत स्नान' की तिथियां घोषित कर दी गई हैं और चूंकि यह आयोजन लंबे समय तक चलेगा, इसलिए श्रद्धालुओं को केवल विशेष दिनों पर ही भीड़ लगाने की जरूरत नहीं है और उन्हें अपने आने के लिए समय निर्धारित करना होगा।
नासिक कुंभ मेला हर 12 साल में महाराष्ट्र के नासिक शहर में त्र्यंबकेश्वर ज्योर्तिलिंग मंदिर के पास गोदावरी नदी के तट पर आयोजित किया जाता है। नासिक कुंभ में इस बार 15 से 20 करोड़ श्रधालुओं के शामिल होने का अनुमान हैं। नासिक और त्र्यंबकेश्वर दोनों जगहों पर कुंभ होता है, लेकिन नासिक की प्रभुता विशेष है। यहां के 3 प्रमुख अखाड़े संख्या में अन्य 10 अखाड़ों के बराबर हैं।
Updated on:
02 Jun 2025 08:55 am
Published on:
02 Jun 2025 08:51 am
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