सभी नाबालिगों को छोटे कमरों और अंधेरे में बिना वेंटिलेशन के रखा गया था। इसके साथ ही उन्हें बासी खाना भी परोसा जाता था। छापेमारी के बाद नाबालिगों को ठाणे जिले के अलग-अलग बाल गृहों में भेज दिया गया। छापेमारी के एक हफ्ते बाद चर्च के 55 साल के पादरी को एनआरआई कोस्टल पुलिस ने नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था।
बता दें कि पादरी की गिरफ्तारी के बाद इस चर्च की वैधता पर सवाल खड़े होने लगे थे। नवी मुंबई पुलिस ने नवी मुंबई नगर निगम को चर्च के अवैध पाए जाने पर कार्रवाई करने की सूचना दी थी। एनएमएमसी के अतिक्रमण डिपार्टमेंट ने चर्च के अधिकारियों को नोटिस भी भेजा था, लेकिन नोटिस मिलने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद नवी मुंबई की बीजेपी की महिला विंग ने इस मुद्दे को उठाया और जानकारी मिली कि चर्च अवैध रूप से तैयार किया गया है।
कुछ दिन पहले बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष चित्रा वाघ ने घटनास्थल का दौरा किया और नवी मुंबई पुलिस के साथ-साथ एनएमएमसी आयुक्त से मुलाकात करते हुए चर्च पर शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की थी। आज सुबह एनएमएमसी ने ध्वस्त करना शुरू किया और दोपहर तक पूरे ढांचे को ढहा दिया। कार्रवाई पर प्रतिक्रिया के लिए मीडिया ने एनएमएमसी प्रमुख राजेश नार्वेकर से संपर्क किया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।