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अब NCP दो गुटों में बंटी! क्या दल-बदल कानून से बच पाएंगे अजित पवार?

NCP Crisis: महाराष्ट्र के दूसरे उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने कहा कि उनकी पार्टी ने देश के विकास के लिए एकनाथ शिंदे नीत सरकार का हिस्सा बनने का फैसला किया।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Jul 02, 2023

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अजित पवार बने महाराष्ट्र के नए उपमुख्यमंत्री

Ajit Pawar: महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार दोपहर उस समय उथल-पुथल मच गई जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल हो गए। इसके साथ ही अजित पवार ने राज्य के डिप्टी सीएम पद की शपथ ली, जबकि एनसीपी के 8 अन्य नेताओं ने भी मंत्रिपद की शपथ ली। हालांकि 83 वर्षीय वरिष्ठ नेता शरद ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

महाराष्ट्र के दूसरे उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने कहा कि उनकी पार्टी ने देश के विकास के लिए एकनाथ शिंदे नीत सरकार का हिस्सा बनने का फैसला किया। अजित पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की भी सराहना की। साथ ही उन्होंने कहा कि एनसीपी में किसी भी तरह का विभाजन नहीं हुआ है और वे भविष्य के सभी चुनाव एनसीपी के चुनाव चिह्न पर लड़ेंगे। यह भी पढ़े-महाराष्ट्र: NCP के पास सिर्फ 13 विधायक... फिर विपक्ष का नेता उनका कैसे? कांग्रेस ने दिखाए तेवर


अजित पवार के साथ कितने विधायक और MLC?

एनसीपी के प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बने पार्टी के 9 विधायकों को पार्टी का आधिकारिक समर्थन नहीं है। एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने आज उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जबकि पार्टी के 8 अन्य विधायकों ने शिवसेना और बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पद की शपथ ली।

एनसीपी के पार्टी कार्यकर्ता, जिला अध्यक्ष, तालुका अध्यक्ष, युवा एवं महिलाएं पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के साथ हैं। उधर, पार्टी सूत्रों का कहना है कि महाराष्ट्र के नए उपमुख्यमंत्री अजित पवार को राज्य विधानसभा में 40 से अधिक एनसीपी विधायकों और विधान परिषद में 6 से अधिक एनसीपी एमएलसी का समर्थन प्राप्त है।


दल-बदल कानून से बच पाएंगे अजित पवार?

वर्तमान में 288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी के कुल 53 विधायक हैं। चूंकि दल बदल कानून से बचने के लिए अजित पवार के साथ पार्टी के दो तिहाई विधायकों का साथ होना आवश्यक है। इस हिसाब से छोटे पवार के साथ अगर एनसीपी के कम से कम 36 विधायक है वो वह और उनके खेमे के विधायक दल-बदल कानून से सुरक्षित है। हालांकि, पार्टी के ज्यादातर विधायक शरद पवार के समर्थक माने जाते हैं। इस स्थिति में अजित पवार के साथ कितने एनसीपी विधायक आये है, इसे लेकर सस्पेंस बरकरार है।


NCP लेगी कानूनी सहारा!

महाराष्ट्र एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटिल ने आज कहा, “शरद पवार ने अपनी भूमिका स्पष्ट की है, उनकी भूमिका पर कोई शक नहीं है। कानूनी रूप से जो भी आवश्यक कदम हैं वो उठाए जाएंगे। हमारा अजित पवार पर विश्वास था कि वे ऐसा नहीं करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्णय दिया है उसमें लिखा है कि पार्टी अपने स्थान पर रहती है लेकिन विधायक आते जाते रहते हैं।“

बता दें कि महाराष्ट्र में यह राजनीतिक घटनाक्रम शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के खिलाफ बगावत के एक साल बाद हुआ है, जिसके कारण महाविकास आघाडी (एमवीए) सरकार सत्ता से बेदखल हो गई थी। 30 जून 2022 को शिंदे ने मुख्यमंत्री पद की, जबकि बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। महाराष्ट्र में विधानसभा के चुनाव अगले साल होने वाले हैं। राज्य में विधानसभा की सीट है।