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mumbai news: एक बार फिर से गुलजार हुआ फूल बाजार

मीनाताई ठाकरे फूल बाजार में मिलने वाले देशी फूल गेंदा,शेवंती,गुलाब,चंपा, लीली, मोगरा, जूही, बिजली,कागड़ा,कापरी को सांगली ,सातारा, नासिक, पुणे ,बंगलुरु ,मदुरई, कोयम्बटूर, चेन्नई, इंदौर, उज्जैन, लखनऊ, कश्मीर,व जयपर से ट्रेन व विमान से मंगाया जाता है

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मुंबई

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Subhash Giri

Jun 17, 2020

mumbai news: एक बार फिर से गुलजार हुआ फूल बाजार

mumbai news: एक बार फिर से गुलजार हुआ फूल बाजार

मुंबई. रजनीगंधा,चंपा, गेंदा,शेवंती, लीली, मोगरा फूलों की महक एक बार फिर से दादर के बाजार से आने लगी है। मुंबई के एकमात्र सबसे बड़े दादर ( पश्चिम ) के मीनाताई ठाकरे फूल बाजार में फूलों का कारोबार शुरू हो गया है। मुंबई सहित उपनगरों से फूलों का कारोबार करने वाले व्यापारी यहां आने लगे हैं। मीनाताई ठाकरे फूल बाजार से मुंबई, ठाणे व विरार तक फूलों की सप्लाई होती है। बरसात के मौसम व चातुर्मास को छोड़कर आम दिनों में इस फूल बाजार में प्रतिदिन ७० से ८० ट्रक फूल बिक जाते हैं जबकि दशहरा, दीपावली, गणेशोत्सव व वैवाहिक समारोह में फूलों की मांग अधिक होने के कारण प्रतिदिन ३०० से ४०० ट्रक फूलों की आपूर्ति की जाती है। फूल कारोबारियों ने बताया कि इस साल फूलों की अच्छी पैदावारी अच्छी हुई थी जिससे फूलों की आवक अच्छी रही और फूलों के दाम में कोई ख़ास बढ़ोत्तरी नहीं हुई। कोरोना के चलते फूलों का कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। फूल व्यवसाय से जुड़े करीब सवा लाख लोग प्रभावित हुए हैं, जिसमें फूल व्यवसाइयों के अलावा डेकोरेटर्स,माला बनाने वाले,खुदरा व्यापारी, हमाल,ट्रांसपोर्टर आदि शामिल हैं।
फूलों की डिमांड कम -
फूल बाजार खुलने के बावजूद फूलों की मांग काफी कम है। फूल कारोबारी आदित्य दुबे ने बताया कि इस समय मुंबई के सभी मंदिर बंद हैं और कोई धार्मिक अनुष्ठान भी नहीं हो रहे हैं जिससे फूल की डिमांड कम है। अप्रैल व मई महीने में अधिकतर वैवाहिक कार्यक्रम होते हैं जिसमें द्वार, मंडप से लेकर स्वागत समारोह में सबसे अधिक फूलों की मांग रहती है।
देश भर से आता है फूल -
मीनाताई ठाकरे फूल बाजार में मिलने वाले देशी फूल गेंदा,शेवंती,गुलाब,चंपा, लीली, मोगरा, जूही, बिजली,कागड़ा,कापरी को सांगली ,सातारा, नासिक, पुणे ,बंगलुरु ,मदुरई, कोयम्बटूर, चेन्नई, इंदौर, उज्जैन, लखनऊ, कश्मीर,व जयपर से ट्रेन व विमान से मंगाया जाता है। जॉर्बरा, एन्थोरियन, आर्किड ,डिलिया , ग्लेडर , केरोनेशन व चायनीज गुलाब जैसे विदेशी फूलों की उपज भी अब देश में ही हो रहा।
नई फसल का इन्तजार -
फूल कारोबारियों को फूलों की नई पैदावार का इन्तजार है। फूल उत्पादक किसान बरसात में फूल पौध रोपण करेंगे जिसकी पैदावार करीब तीन महीने के बाद शुरू होगा। सांगली ,सातारा,नासिक, पुणे में गेंदा, लीली, मोगरा, जूही, बिजली, कागड़ा, कापरी फूलों की बड़े पैमाने पर खेती होती है। कोरोना महामारी से अगर स्थिति कुछ सुधरी तो गणेशोत्सव,दशहरा और दीपावली जैसे त्योहारों में फूलों की महक फिर बिखरेगी।