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फिर रुलाएगा प्याज, भाव काबू करने बफर स्टॉक जारी कर रही सरकार

सुस्त निर्यात के बीच सवालों के घेरे में भाव वृद्धि, जमाखोरी का शक

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फिर रुलाएगा प्याज, भाव काबू करने बफर स्टॉक जारी कर रही सरकार

फिर रुलाएगा प्याज, भाव काबू करने बफर स्टॉक जारी कर रही सरकार

मुंबई. मंडियों में आवक घटने से आम लोगों को प्याज फिर मुंह चिढ़ाने लगा है। देश के अधिकांश हिस्से में अच्छे किस्म का प्याज 50 से 60 रुपए किलो तक बिक रहा है। भाव में उछाल रोकने के लिए सरकार बफर स्टॉक जारी कर रही है। सरकारी उपायों से प्याज का भाव थोड़ा स्थिर जरूर हुआ है। जानकारों के अनुसार जब तक रवी फसल की आवक नहीं शुरू होगी, प्याज का भाव नीचे नहीं आने वाला। नई फसल की आवक मार्च के दूसरे सप्ताह में शुरू होगी। फिलहाल खरीफ स्टॉक ही बाजार में आ रहा है। महाराष्ट्र में प्याज की खेती सबसे ज्यादा होती है। निर्यात सुस्त पडऩे के बावजूद मंडियों में भाव ऊंचे हैं। खुदरा बाजार में जहां प्याज आम लोगों के पसीने छुड़ा रहा, वहीं किसान कम भाव मिलने का रोना रो रहे हैं। सीमित आवक के पीछे जमाखोरी की आशंकाएं भी जताई जा रही हैं।

देश में सबसे ज्यादा प्याज की आपूर्ति महाराष्ट्र से होती है। बीते कुछ दिनों में यहां की मंडियों में प्रति क्विंटल प्याज 1000 रुपए तक चढ़ चुका है। दिल्ली के खुदरा बाजार में प्याज 60 रुपए किलो तक पहुंच गया है। मुंबई में भी यह 50 रुपए किलो बिक रहा है। कर्नाटक, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में भी प्याज महंगा है। पंजाब, हिमाचल प्रदेश और पूवोत्तर के राज्यों में प्याज सबसे महंगा है। भडक़ी महंगाई के बीच तमिलनाडु में थोड़ी राहत है, जबकि पड़ोसी केरल में भाव टाइट है। कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान व तमिलनाडु की कुछ मंडियों में भाव कम है। कम भाव वाला प्याज औसत दर्जे का नहीं है।

सरकार बेच रही सस्ता
महाराष्ट्र की लासलगांव और पिंपलगांव मंडी में केंद्र सरकार ने बफर स्टॉक उतारा है। राज्यों को 21 रुपए किलो की दर पर प्याज दिया जा रहा। मदर डेयरी की सफल दुकानों पर 26 रुपए किलो प्याज उपलब्ध कराया गया है। सरकार ने भी माना है कि हाल के दिनों में प्याज का भाव चढ़ा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली और चेन्नई में प्याज 37 रुपए जबकि मुंबई में 39 और कोलकाता में 43 रुपए किलो है। ये आंकड़े हकीकत से परे हैं।

मंडी के मुकाबले दूना भाव
अधिकांश जगहों पर मंडी और खुदरा बाजार के भाव में दूने का अंतर है। वजह कई हैं। महंगे ईंधन के कारण ढुलाई की लागत बढ़ी है। मंडी से लाने के बाद प्याज की छंटाई की जाती है। क्विंटल में 10 से 15 किलो प्याज खराब निकलता है। अच्छा और औसत दर्जे का प्याज अलग किया जाता है। औसत से कम स्तर का प्याज औनेपोने भाव में बेचा जाता है।

देश की विभिन्न मंडियों में प्याज का भाव

शहर मंडी भाव (रुपए/क्विंटल)
दिल्ली आजादपुर मंडी 1250 से 3250
पंजाब मुकेरियां 1800 से 2500
यूपी दुधी 2400
हरियाणा बरवाला 2300 से 2500
कर्नाटक मंगलूरु 2500 से 3000
गुजरात आणंद 2500 से 3000
राजस्थान जयपुर 2500 से 3000
केरल त्रिसूर 3200 से 3500
कर्नाटक शिमोगा 2800 से 3800
प. बंगाल बोलपुर 3000 से 4000
मध्य प्रदेश देवास 500 से 900
महाराष्ट्र लासलगांव 3000 से 3800
छत्तीसगढ़ रायगड 2500 से 3100