8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नहीं मिली एंबुलेंस… 2 बेटों के शव कंधे पर उठाकर 15 KM चले मां-बाप, गढ़चिरौली में दिल दहलाने वाली घटना

Maharashtra Gadchiroli : दोनों भाइयों को तेज़ बुखार आने के बाद जड़ी-बूटियाँ दी गईं, लेकिन उनकी हालत और बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई।

2 min read
Google source verification

मुंबई

image

Dinesh Dubey

Sep 05, 2024

Gadchiroli news

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली से दिल को झकझोर देने वाला वीडियो सामने आया है। जिसमें माता-पिता अपने दो बच्चों के शव को कंधे पर उठाकर कीचड़ भरे रास्ते पर चलते दिख रहे है। बताया जा रहा है कि दोनों इसी तरह अपने नाबालिग बेटों के शवों को लेकर 15 किमी तक चलकर अपने गांव जाते है।    

मिली जानकारी के मुताबिक, मरने वाले दोनों भाईयों को अचानक तेज बुखार आया था। जिसके बाद पुजारी से जड़ी-बूटी लेकर बच्चों को खिलाया गया। लेकिन इससे कुछ फायदा नहीं हुआ और बच्चों की तबियत बिगड़ती चली गई। अस्पताल ले जाने से पहले ही सिर्फ डेढ़ घंटे में दोनों की मौत हो गई। इसके बाद उनके शव को गांव वापस लाया जाना था। लेकिन गांव जाने के लिए पक्की सड़क न होने के कारण एंबुलेंस नहीं मिल सकी। आखिरकार जन्म देने वाले माता-पिता ही अपने दोनों बच्चों के शवों को कंधे पर उठाकर 15 किलोमीटर तक पैदल चले।

यह दिल दहलाने वाली घटना बुधवार को अहेरी तालुका में घटी जो सुदूरवर्ती इलाकों में स्वास्थ्य व्यवस्था की दर्दनाक हकीकत बयां करती है। महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने इस घटना का वीडियो शेयर किया है और राज्य की महायुति सरकार पर निशाना साधा है।

क्या है पूरा मामला?

बाजीराव रमेश वेलादी (6 वर्ष) और दिनेश रमेश वेलादी (साढ़े तीन वर्ष) दोनों अहेरी तालुका के येर्रागड्डा में परिवार के साथ रहते थे। जबकि दोनों भाईयों के दादा पत्तीगाव में रहते है। दो दिन पहले दोनों अपने माता-पिता के साथ पत्तीगाव गए। इसी समय बाजीराव को तेज बुखार आ गया। बाद में उसका छोटा भाई दिनेश भी बीमार पड़ गया। बताया जा रहा है कि दोनों भाई संभवतः मलेरिया से पीड़ित थे।  

इसके बाद माता-पिता दोनों को पत्तीगाव इलाके में एक पुजारी के पास ले गए। कथित तौर पर वहां उन्हें जड़ी-बूटियां दी गईं। लेकिन सुधार होने की बजाय कुछ देर बाद दोनों की हालत और बिगड़ गई। इसके बाद परिजन बच्चों को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दौड़े। लेकिन सुबह साढ़े दस बजे बाजीराव ने दुनिया को अलविदा कह दिया। इसके बाद दोपहर 12 बजे दिनेश की भी मौत हो गई।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिमलगट्टा स्थित स्वास्थ्य केंद्र से पत्तीगाव तक कोई पक्की सड़क नहीं है। बारिश के कारण कच्ची सड़क पूरी तरह से कीचड़ और गड्ढों से भर गई है। इस वजह से एंबुलेंस या कोई और वाहन नहीं मिल सका। माता-पिता को बच्चों के शवों को अपने कंधों पर लेकर नाले के पानी और कीचड़ वाली सड़कों से गुजरना पड़ा।

मामले की जांच होगी- शिंदे

गढ़चिरौली के जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर प्रताप शिंदे ने बताया कि दो छोटे भाई-बहनों की मौत की सूचना सही है। हालाँकि, मौत का सही कारण स्पष्ट नहीं है। बच्चों को पहले पुजारी के पास ले जाया गया। स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो चुकी थी। एंबुलेंस का इंतजाम करने का प्रयास किया गया, लेकिन परिजन नहीं सुने और शवों को लेकर चले गए। मामले की जांच करवा कर रिपोर्ट मांगी जाएगी।