
PATRIKA EXPOSE... फर्जी कागजात से बिल्डर ने अदालत को किया गुमराह
- रोहित के. तिवारी
मुंबई. ओशिवरा में म्हाडा के भूखंड पर बनाए गए एक आलीशान टॉवर में एक ही फ्लैट तीन-तीन बार बेचा गया। मिलेनियम मरकरी नामक इस बिल्डिंग में ए और बी विंग हैं। दोनों विंग को मिला कर कुल 208 फ्लैट इस टॉवर में बनाए गए हैं। बिल्डर शाहिद आई. ए. खान और उसके साथियों ने पुराने सात बारा पर तीन-तीन बार फर्जी सीटीएस बना कर अदालत को गुमराह करने का काम किया। फर्जी कागजात की बुनियाद पर खड़े टॉवर में एक फ्लैट को तीन बार बेचे जाने का मामला अदालत के विचाराधीन है।
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू) भी मामले की जांच कर रही है। आदर्श घोटाले से भी बड़े म्हाडा के इस जमीन घोटाले को 'पत्रिका' ने शनिवार को एक्सपोज किया था। बिल्डर और अधिकारियों की मिलीभगत से म्हाडा को 2000 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया गया है।
शिकायत दर्ज कराने वाले आरटीआई कार्यकर्ता अभिजीत शेट्टी का कहना है कि ओशिवरा में सर्वे नंबर 33/8 में बने अवैध रिहायशी टॉवर को लेकर सन 2016 से लगातार म्हाडा से संपर्क किया जा रहा है। लेकिन, म्हाडा के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत के चलते इस पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि यह आदर्श घोटाले से भी बड़ा घोटाला हो सकता है। पुलिस और अदालत को गुमराह करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया गया है।
बिल्डर की करामात
शेट्टी का कहना है कि मिलेनियम मरकरी टॉवर के चलते म्हाडा को करीब दो हजार करोड़ का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। इस टॉवर में रिहायशी फ्लैट के अलावा कमर्शियल इस्तेमाल के लिए दुकाने भी बनाई गई हैं। उनका कहना है कि बिल्डर शाहिद और उसके साथी जाविद अहमद खान व पुष्पक नरेश कुमार रांका जैन और म्हाडा अधिकारियों की मिलीभगत से यह घोटाला किया गया है।
अधिकारियों पर गिरेगी गाज
म्हाडा मुंबई बोर्ड के प्रेसिडेंट मधु चव्हाण ने कहा कि हमने संबंधित अधिकारियों को लिखित आदेश दिया है। हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए हमने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। दूसरी तरफ विजिलेंस की ओर से भी मामले की जांच रिपोर्ट म्हाडा के वाइस प्रेसिडेंट और सीओ को सौंपी गई है। इस मामले में दोषी अधिकारियों पर गाज गिरनी तय है।
Published on:
12 Aug 2019 11:55 am
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