
ट्रक, बस, रिक्शे, टैक्सी, टेंपो और साइकिल से निकल रहे हैं लोग
पत्रिका टीम मुंबई
मुंबई. मुंबई, ठाणे, पालघर, पुणे, नासिक से हजारों की संख्या में लोग ट्रक, बस, रिक्शे, टैक्सी, टेंपो साइकिल और कुछ तो पैदल भी अपने घरों के लिए निकल पड़े हैं। अपनी-अपनी पोटली बांधे निकले यह लोग किसी भी हाल में घर पहुंचना चाहते हैं। इनमें से बहुतों को आशा है कि रास्ते में लोग उन्हें भोजन करा देंगे।
गौरतलब है कि लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को घर वापस लाने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं। लाखों की संख्या में मजदूरों के लिए वे अपर्याप्त हैं। इसे देखते हुए लोगों ने बसों, ट्रकों टेंपो का सहारा लिया है। पालघर के वानगांव इलाके में करीब 50 दिन से फंसे एमपी के पन्ना जिले के 35 मजदूरों को लेकर एक बस महाराष्ट्र से एमपी सोमवार दोपहर रवाना हो गयी है।
भेजी गईं 20 ट्रेनें
मुंबई से मजदूरों को उनके गांवों में ले जाने के लिए सोमवार को लगभग 20 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों चलाईं गईं। इसमें सेंट्रल रेलवे के मुंबई डिवीजन की 10 ट्रेनें और वेस्टर्न रेलवे की मुंबई डिवीजन की 10 ट्रेनें शामिल हैं।
4 हजार ऑटो दमोह तक पहुंचे
बेरोजगारी से पेरशान चार हजार ऑटो रिक्शा वाले अपने परिवारों के साथ ऑटो लेकर गांवों की तरफ निकल पड़े हैं। जगह-जगह रूकते हुए वे दमोह तक पहुंच गए हैं। आने वाले तीन चार दिनों में वे अपने घरों में पहुंच जाएंगे।
साइकिल से निकल रहे हैं दल
पैसे के अभाव में मजदूरों के कई दल साइकिल से हजारों किमी सफर करते हुए घर पहुंचने के लिए रवाना हो गए हैं। झारखंड के लिए साइकिल से निकले एक दल के सदस्य मनोज ने बताया कि यदि हम यहां रूकते हैं, तो रूम मालिक किराया मांगता है। ट्रेन से जाने का पैसा नहीं है। हमारे पास कुछ पैसे हैं, उससे दाना पानी करते चल रहे हैं। रास्ते में लोग भी हमें खाना खिला रहे हैं। हमारा दल आने वाले 10 दिनों में घर पहुंच जाएगा।
96 बसों से 2 हजार 112 मजदूर एमपी रवाना
नासिक. नासिक से जुडे राजमार्गों से पैदल पलायन कर रहे दो हजार 112 मजदूरों को एमपी की सीमा पर छोडऩे के लिए सोमवार को एसटी महामंडल की 96 बस रवाना हुई।
डिप्टी कलेक्टर नितिन मुंडावारे और एसटी बोर्ड के नासिक विभाग नियंत्रक नितिन मैंद ने बताया कि नासिक हाइवे से मुंबई, ठाणे, अन्य शहरों से पैदल ही यात्रा कर रहे दो हजार 112 प्रवासी मजदूरों की सोमवार को 96 बसों की मदद से सभी को गांव रवाना कर दिया गया।
नासिक जिले की विभिन्न डेपो से बसें प्रदान की गई हैं। सभी मजदूरों का मेडिकल जांच किया गया। चिलचिलाती धूप, गर्मी के बीच पैदल ही गांव की ओर निकले मजदूरों को बीच मार्ग पर प्रशासन द्वारा मदद मिलने से वे भावुक हो गए।
ट्रकों में भरकर जा रहे हैं लोग
उल्हासनगर, कल्याण, भिवंडी से रोज हजारों की संख्या में लोग टेंपो, कंटेनर और ट्रकों में भरकर गांव जा रहे हैं। एक ट्रक में 60-60 मजदूर बिठाए जा रहे हैं और ढाई से साढ़े तीन हजार रुपए प्रति व्यक्ति भाड़ा लिया जा रहा है। इसके अलावा पलायन के लिए लोग साइकिल, दोपहिया और तिपहिया वाहनों तक का भी भरपूर प्रयोग कर रहे हैं।
Published on:
11 May 2020 10:37 pm
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