27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

‘सूरत’, ‘नीलगिरि’ और ‘वाघशीर’ समुद्र में बढ़ाएंगे भारत का दमखम, जानें तीनों युद्धपोतों की खासियतें

भारतीय नौसेना के बेड़े में 15 जनवरी को दो नए युद्धपोत आईएनएस सूरत और आईएनएस नीलगिरि के साथ ही आईएनएस वाघशीर पनडुब्बी भी शामिल होगी।

less than 1 minute read
Google source verification

मुंबई

image

Dinesh Dubey

Jan 13, 2025

warship INS Surat

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 जनवरी को महाराष्ट्र का दौरा करेंगे। वह सुबह करीब 10.30 बजे मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में नौसेना के तीन अग्रणी युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। तीन प्रमुख नौसैनिक युद्धपोतों को राष्ट्र को समर्पित किया जाना डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग और समुद्री सुरक्षा में वर्ल्ड लीडर बनने के भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

यह भी पढ़े-200 करोड़ लागत, 12 साल में निर्माण… एशिया के दूसरे सबसे बड़े इस्कॉन मंदिर का PM मोदी करेंगे उद्घाटन

आईएनएस सूरत (INS Surat)

पी15बी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर परियोजना का चौथा और अंतिम युद्धपोत आईएनएस सूरत दुनिया के सबसे बड़े और सबसे परिष्कृत विध्वंसक युद्धपोतों में से एक है। इसमें 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है और यह अत्याधुनिक हथियार-सेंसर पैकेज और उन्नत नेटवर्क-केंद्रित क्षमताओं से लैस है।

आईएनएस नीलगिरि (INS Nilgiri)

पी17ए स्टील्थ फ्रिगेट परियोजना का पहला युद्धपोत आईएनएस नीलगिरि, भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है और इसे बढ़ी हुई क्षमता, समुद्र में लंबे समय तक रहने तथा स्टील्थयुक्‍त उन्नत सुविधाओं के साथ नौसेना में शामिल किया गया है, यह स्वदेशी फ्रिगेट की अगली पीढ़ी को दर्शाता है।

आईएनएस वाघशीर पनडुब्बी (INS Vaghsheer)

पी75 स्कॉर्पीन परियोजना की छठी और अंतिम पनडुब्बी आईएनएस वाघशीर, पनडुब्बी निर्माण में भारत की बढ़ती विशेषज्ञता का प्रतिनिधित्व करती है और इसका निर्माण फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से किया गया है।