
politics: चन्द्रकान्त पाटील के खिलाफ खडसे के बाद राम शिंदे ने भी दिखाया बगावती तेवर.. तो नितिन गडकरी ने भी जताया दुख, कहा ऐसा व्यवहार ठीक नही
मुंबई। विधान परिषद चुनाव में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार किए जाने से पार्टी में अंतर्कलह बढ़ने लगी है। पार्टी में हुए भेदभाव के आरोप को लेकर अध्यक्ष चन्द्रकान्त पाटील के खिलाफ टिका टिप्पणी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। खडसे पंकजा के बाद अब पूर्व मंत्री राम शिंदे ने भी कड़ी नाराजगी व्यक्त की है । एकनाथ खडसे के बाद राम शिंदे के बगावती तेवर से भाजपा में वरिष्ठ नेताओं के साथ धोखा होने का मामला गरमा गया है।
उधर शिंदे से पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी खडसे जैसे नेताओं को टिकट से वंचित किये जाने को लेकर दुख व्यक्त किया।
चन्द्रकान्त पाटील और खडसे के बीच चल रही जुबानी जंग में गुरुवार को पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता राम शिंदे ने इंट्री ली। शिंदे ने कहा कि चंद्रकांत पाटील ने जो अभ्यास कर टिकट का बंटवारा किया है । वह समझ से परे है। शिंदे ने ट्वीट कर कहा कि विधान परिषद चुनाव में उम्मीदवारों के चयन में गड़बड़ी हुई है । वरिष्ठ नेताओं के साथ न्याय नही किया गया।
उधर चंद्रशेखर बवनकुले ने भी प्रत्याशियों के चयन को लेकर असहमति जताई। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में पार्टी को मजबूत करने वालों में एकनाथ खडसे शामिल है । खडसे के योगदान को भुलाया नही जा सकता है । उनके साथ जो व्यवहार हो रहा है। वह उचित नहीं हो रहा है । ऐसा व्यवहार उनके साथ नहीं होना चाहिए।
उधर पंकजा मुंडे ने भी एक ट्वीट कर चन्द्रकान्त पाटील को बताया है कि अब उन्होंने राजनीति की शिक्षा लेने की शुरुवात शून्य से शुरू कर दी है । उन्होंने दो प्राथमिक स्कूल के बच्चों की पेंटिंग भी पोस्ट की है ।
उल्लेखनीय है विधान परिषद चुनाव में एकनाथ खडसे , पंकजा मुंडे , विनोद तावड़े, चंद्रशेखर बावनकुले, और माधाव भंडारी जैसे नेताओं को दरकिनार कर नए आयाराम गयाराम लोगों को टिकट दिया। जिसे लेकर भारी नाराजगी है ।
Published on:
14 May 2020 10:12 pm
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