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politics : मुख्यमंत्री ठाकरे की नेवका लगी पार… सोमवार को विधान परिषद में शपथ लेंगे

नियम है कि मुख्यमंत्री( Maharashtra CM) होने के साथ ही उसे 6 महीने(within 6 month) के भीतर विधानमंडल (Vidhan mandal) के दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य होना जरूरी है ।मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ( Chief minister Uddhav Thakreray) का विधानमंडल के किसी भी सदन में सदस्य नही होने से राज्य में राजनीतिक (political)संकट गहरा गया था।

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politics : मुख्यमंत्री ठाकरे की नेवका लगी पार... सोमवार को विधान परिषद में शपथ लेंगे

politics : मुख्यमंत्री ठाकरे की नेवका लगी पार... सोमवार को विधान परिषद में शपथ लेंगे

मुम्बई।विधान परिषद चुनाव में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सहित 9 सदस्य निर्विरोध चुन लिए गए हैं। अब निर्विरोध चुने गए 9 सदस्यों को आगामी 18 तारीख सोमवार को 1 बजे विधान परिषद सदस्य की शपथ दिलाई जाएगी।
विधान परिषद में रिक्त 9 सीटों के लिए 21 मई को होने वाले चुनाव में 14 तारीख पर्चा वापसी के लिए अंतिम दिन था । इस दिन डमी प्रत्यासी किरण पावसकर, शिवाजीराव , संदीप लेले और अजित गोपछडे ने पर्चा वापस ले लिया। जिसके बाद 9 सीटों के लिए 9 प्रत्यासी होने की वजह से यह चुनाव निर्विरोध हो गया।

महाविकास आघाडी की तरफ से शिवसेना अध्यक्ष व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, नीलम गोरहे , एनसीपी के शशिकांत शिंदे, अमोल मैटकरी , कांग्रेस के राजेश राठौड़ तथा भाजपा के गोपीचंद पडलकर, रणजीत सिंह मोहिते पाटील, रमेश कराड, प्रवीण दटके निर्विरोध चुने लिए गए है ।
विधान परिषद के 9 सीटों के लिए सिर्फ 9 प्रत्याशी ही मैदान में होने की वजह से यह चुनाव निर्विरोध घोषित कर दिया गया। सोमवार को दोपहर 1:00 बजे इन्हें सदयता दिलाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी ।

उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बने 6 महीने आगामी 27 मई को पूरा हो जाएगा । इससे पहले वे 18 मई को विधान परिषद का सदस्य बन जाएंगे।

नियम है कि मुख्यमंत्री होने के साथ ही उसे 6 महीने के भीतर विधानमंडल के दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य होना जरूरी है ।मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का विधानमंडल के किसी भी सदन में सदस्य नही होने से राज्य में राजनीतिक संकट गहरा गया था।

उन्हें राज्यपाल कोटे से नामित करने के लिए मंत्रिमंडल ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से सिफारिश किया था। लेकिन जिन सीटों के लिए सिफारिश किया था उसकी अवधि 6 महीने से कम बची थी। इसलिए उस पर उद्धव को मनोनीत करना मुश्किल हो रहा था ।नतीजन संवैधानिम संकट खड़ा हो गया । लॉक डाउन में सभी चुनाव स्थगित कर दिए गए थे। लेकिन लॉक डाउन में ढील को देखते हुए राज्यपाल ने चुनाव आयोग के पास सिफारिश किया । जिसके बाद चुनाव आयोग ने विधान परिषद में 26 अप्रैल को रिक्त हुए 9 सीटों के लिए चुनाव कराने की अनुमति दी ।

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने चुनाव आयोग से निर्विरोध चुनाव कराने की बात पर सिफारिश की थी।मुख्यमंत्री ने भी राज्यपाल को दिए वचन का पालन किया। अतिरिक्त प्रत्यासी देने वाली कांग्रेस पर दबाव बनाकर कदम पीछे लेने को मजबूर किया और यह चुनाव निर्विरोध हो सका ।