पुलिस की जांच में सामने आया है कि टेंपो ट्रैवलर का चालक जनार्दन हंबर्डिकर ने खुद वाहन में आग लगाई थी। वह हाल ही में अपने वेतन में हुई कटौती से नाराज था और इसी गुस्से में उसने वारदात को अंजाम दिया। आरोपी ने बताया कि पीड़ित कर्मचारी उससे ठीक से बात नहीं करते थे और उसे अपमानित करते थे।
बुधवार सुबह जब ‘व्योमा ग्राफिक्स’ कंपनी की बस हिंजेवाड़ी के पास पहुंची, तब उसने पहले से खरीदा हुआ ज्वलनशील केमिकल बेंजीन बस में छिड़क दिया। इसके बाद, उसने बस में सफाई के लिए इस्तेमाल होने वाले कपड़े में माचिस से आग लगा दी। देखते ही देखते आग ने पूरी ट्रैवलर को चपेट में ले लिया, जिससे अंदर बैठे कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।
घटना के समय टेंपो ट्रैवलर में 14 कर्मचारी सवार थे। इस भयावह घटना में चार कर्मचारियों की जान चली गई। मृतकों की पहचान शंकर शिंदे (63), राजन चव्हाण (42), गुरुदास लोकरे (45) और सुभाष भोसले (44) के तौर पर हुई है। इसके अलावा, 10 लोग झुलस गए है, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि टेंपो ट्रैवलर में आग लगने के बाद आरोपी चालक खुद भी घायल हुआ, लेकिन बाकि लोगों के साथ वह भी किसी तरह बस से बाहर निकलने में सफल रहा। फिलहाल, वह अस्पताल में भर्ती है। घटना में उसके दोनों पैर जजाल गए हैं। पुलिस उसके ठीक होने के बाद उसे गिरफ्तार करेगी।
इस घटना ने कंपनी के कर्मचारियों और स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया है। पुलिस इस मामले की विस्तृत जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आरोपी ने यह साजिश अकेले रची थी या इसमें किसी और की भी भूमिका थी।