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फिर गुलजार हो रहा है रानीबाग

पेंग्विन को देखने उमड़ रही लोगों की भीड़वार्षिक आमदनी 73 लाख से पांच करोड़ पहुंची अरुण लालमुंबई. भायखला स्थित वीर माता जीजाबाई भोसले उद्यान (रानी बाग) एक बार फिर से गुलजार होता दिख रहा है। यहां पर पेंग्विन आने के बाद लोगों की भीड़ उमड़ रही है, जिससे बीएमसी की वार्षिक आमदनी 73 लाख रुपए से कई गुना बढ़कर पांच करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। आने वाले कुछ समय में बीएमसी ने रानी बाग का विकास कर नए पक्षी-प्राणी लाने की तैयारी की है। ऐसे में मुंबईकरों और देश-विदेश के पर्यटकों की संख्या बढेगी।

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फिर गुलजार हो रहा है रानीबाग

गौरलतब है कि रानी बाग में मार्च 2017 में पेंग्विन केंद्र पर्यटकों के लिए खोलने के बाद पर्यटकों की संख्या निरंतर बढ़ती गई। रानी बाग में पहले प्रति व्यक्ति सिर्फ दो से पांच रुपए शुल्क लिया जाता है। एक अगस्त 2017 से शुल्क माता-पिता और दो बच्चों के साथ 100 रुपए किया गया है। एमसी स्कूल के बच्चों को पेंग्विन देखने की सुविधा मुफ्त दी गई है। शुल्क बढ़ोतरी करने के बाद लोगों की संख्या कम हुई, परंतु आमदनी में प्रतिमाह लाखों रुपए की बढ़ोतरी हुई। इसके तहत प्रति माह एक से दो लाख और वार्षिक आमदनी 40 लाख तक होने वाली आमदनी अब प्रति माह 33 से 34 लाख तक पहुंच गई है।

आने वाले दिनों इस उद्यान में और नए प्राणी लाने की तैयारी की जा रही है, जिससे बीएमसी की कमाई बढ़ेगी और मुंबई के बच्चों और मुंबईकरों के लिए एक और पिकनिक स्पॉट तैयार होगा। कभी मुंबई की पहचान रह चुके रानी बाग से मुंबई करों का गहरा नाता रहा है। यहां पर जवान हुए लोगों ने अपने बचपन में रानी बाग में शेर, बाघ और दूसरे जानवरों को यहीं पर देखा। तब बच्चों के लिए रानी बाग खुशी का एक पर्याय हुआ करता था, लेकिन समय के साथ-साथ रानी बाग वीरान होता गया। पर अब मुबई महानगरपालिका ने इसके विकास के लिए कमरकस ली है। इसके लिए तीन चरणों में कार्य किया जा रहा है। इसके लिए मनपा 200 करोड़ रूपए खर्च करेगी। मनपा ने इसके लिए 12 एकड़ जमीन रेखांकित की है। जहां पर विदेशी प्रजाति के प्राणियों के लिए विविध सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

प्रस्तावित नए प्राणिसंग्रहालय के विस्तार के तहत विदेशी प्रजातियों के प्राणियों जगुआर, चीता, सफेद शेर, दरियाई घोड़ा, वेलेबी, जेब्रा, जिराफ, मेण्ड्रील मंकी, ओकापी, शहामृग, पक्षीगृह-3 और चिंपाजी, लेसर फ्लेमिंगो, रिंगटेल लेमर आदि के रहने के लिए पिंजरे अन्य इंतजाम करने की तैयारी है।