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चुनावी साल में वादों की बारिश

locationमुंबईPublished: Jun 18, 2019 11:21:58 pm

Submitted by:

Binod Pandey

विधान मंडल का मानसून सत्र: शेरो-शायरी के साथ वित्त मंत्री सुधीर मुगंटीवार ने विधानसभा में पेश किया बजटकोई नया कर लगाने का प्रस्ताव नहीं
सिंचाई और सड़क परियोजनाओं के लिए बढ़ाया प्रावधान
किसानों के हित से जुड़ी योजनाओं का ऐलान
अभय योजना में विलंब शुल्क से मिलेगी राहतबकाया वैट पर व्यापारियों को नहीं चुकाना होगा ब्याज

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चुनावी साल में वादों की बारिश

मुंबई. विधान मंडल के मानसून सत्र के दूसरे दिन राज्य सरकार की ओर से चालू वित्तीय साल का बजट पेश किया गया। बेसब्री से मानसून की बाट जोह रहे राज्य के लोगों के लिए बजट में चुनावी वादों की बारिश की गई है। बिना कई नया कर लगाए सिंचाई, सड़क सहित बुनियादी सुविधाओं के विकास पर खर्च का प्रावधान बढ़ाया गया है। चुनावी साल में कारोबारी तबके को खुश करने का प्रयास भी किया गया है। साथ ही संपत्ति मालिकों को भी राहत का झुनझुना पकड़ा गया है। वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने विधानसभा में बजट पेश किया, जबकि वित्त राज्य मंत्री दीपक केसरकर ने विधान परिषद में बजट पेश किया। सोशल मीडिया पर बजट लीक होने का दावा करते हुए विपक्षी विधायकों ने सदन में हंगामा किया।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव होने में बमुश्किल चार महीने बचे हैं। इसी के मद्देनजर भयंकर सूखे से त्रस्त ग्रामीण इलाकों और किसानों के हितों से जुड़ी योजनाएं घोषित की गई हैं। बड़ी योजनाओं की घोषणा के करते हुए वित्तमंत्री आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया वाली कहावत भी भूल गए। तभी तो 3.14 लाख करोड़ रुपए के आय के मुकाबले 3.34 लाख करोड़ रुपए का खर्च का बजट उन्होंने पेश कर दिया। कुल मिला कर मुनगंटीवार ने 2019-20 के लिए 20,292.94 करोड़ रुपए के घाटे वाला बजट पेश किया।
आम चुनाव के मद्देनजर राज्य सरकार ने पहले अंतरिम बजट पेश किया था। मंगलवार को पूर्ण बजट पेश किया गया। मुनगंटीवार ने वित्तीय अनुशासन पर जोर दिया, मगर बजट में इसकी कमी साफ दिखी। आय और खर्च के अंतर के आधार पर सरकार का राजस्व घाटा 61,669.94 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। साल के दौरान महाराष्ट्र पर कर्ज का बोझ 4.71 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है, जो मार्च, 2019 को समाप्त वित्तीय साल में 4.14 लाख करोड़ और मार्च, 2018 में 4.02 लाख करोड़ रुपए था।

व्यापारियों पर मेहरबान
राज्य के बजट में व्यापारियों पर खास ध्यान दिया गया है। करदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए अभय योजना के तहत विलंब शुल्क में सहूलियत दी गई है। वैट भुगतान में देरी पर लगने वाले ब्याज की रकम से भी छूट की पेशकश की गई है। सरकार ने व्यवसाय और वैट कर में सुधार के प्रस्ताव भी रखे हैं। ईज आफ डूईंग बिजनेस के तहत उद्योग का पंजीकरण कराने वाले को कर भरने के लिए पर्याप्त समय दिया जाए। वैट के लिए एक करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले ऐसे व्यापारियों, जिनकी कर रकम 25 हजार से कम है, उन्हें नमूना फॉर्म 704 जमा करने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे में व्यापारियों का अनुपालन खर्च कम होगा।

नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों के लिए 150 करोड़
सरकार ने नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों में तीन वर्ष में 500 करोड़ खर्च कर रोजगार निर्माण करने की योजना बनाई है। इस कार्य के लिए इस वर्ष 150 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। पुलिस विभाग को सक्षम बनाने के लिए 4,649 पुलिस सिपाहियों की भर्ती की जाएगी। राज्य के तीर्थ क्षेत्रों में पूर्व पीएम दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी का स्मारक बनाने की घोषणा भी की गई है।

बजट को ट्विटर पर लीक करने का आरोप
विधान परिषद में बजट पेश करने के दौरान विपक्ष ने हंगामा किया। विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने आरोप लगाया कि बजट पेश होने से पहले वित्त मंत्री मुनगंटीवार ने इसे ट्विटर पर लीक कर दिया। इस मामले में विपक्षी विधायक वित्त मंत्री और वित्त राज्य मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। सभागृह नेता चंद्रकांत पाटील ने सभापति रामराजे निंबालकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की चेतावनी दी है।
साल 2019-20 के बजट की खास बातें
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए 2,720 करोड़ का प्रावधान
26 अधूरी परियोजनाओं के लिए केंद्र से मिलेंगे 22,398 करोड़
सायन-पनवेल मार्ग पर खाड़ी पुल के लिए 775 करोड़
सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग के लिए 16,525 करोड़
सड़क निर्माण के लिए तीन लाख करोड़
80 तालुकाओं में मोबाइल पशु चिकित्सालय बनेगा
सूखे के लिये 6 हजार करोड़ का प्रावधान
जल-संपदा मंत्रालय के लिए 12,597 करोड़
किसान जल संजीवनी योजना के लिए 2019-20 के बजट में 1,531 करोड़ रुपये का प्रावधान
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