
अजित पवार और शरद पवार
Maharashtra Politics: एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) प्रमुख शरद पवार ने भतीजे व् महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार को लेकर बड़ा बयान दिया है। इस साल जुलाई महीने में अजित पवार ने बीजेपी नीत एनडीए गठबंधन (NDA) में शामिल होने का फैसला किया। तब से ही यह चर्चा हो रही है कि इस पूरे घटनाक्रम के पीछे चाचा शरद पवार की कोई सोची-समझी रणनीति हो सकती है। हालांकि इस पर अब खुद 82 वर्षीय पवार ने बड़ा खुलासा किया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा, मैंने अजित पवार को बीजेपी के साथ जाने की इजाजत नहीं दी थी। लेकिन मैं उनसे नाराज भी नहीं हूँ। एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने अजित दादा के बीजेपी के साथ जाने के फैसले पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग बीजेपी के साथ गए हैं, उनका एनसीपी से कोई लेना-देना नहीं है.. उन्होंने जांच एजेंसियों के डर के कारण पाला बदल लिया है।’’ यह भी पढ़े-शरद पवार का था महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने का आइडिया, फडणवीस ने खोला 2019 का बड़ा राज!
अजित गुट से मेल-मिलाप नहीं
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव मुंबई 2023 में बातचीत के दौरान शरद पवार ने कहा, “...न तो वह आहत हैं और न ही वह अजित से नाराज हैं, लेकिन बीजेपी के साथ हाथ मिलाने के उनके फैसले को वह स्वीकार नहीं करते हैं।“ हालांकि उन्होंने अजित दादा के नेतृत्व वाले गुट के साथ किसी भी तरह के मेल-मिलाप से भी इनकार किया है।
महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने वाले अजित पवार की अगुवाई वाले एनसीपी गुट का जिक्र करते हुए वरिष्ठ नेता ने कहा, “एनसीपी के जो लोग बीजेपी के साथ गए हैं, उन्होंने जांच एजेंसियों की धमकी के कारण ऐसा किया। जिन लोगों ने पाला बदला, उन्होंने सरकार में और सरकार के बाहर कई पदों का आनंद लिया, लेकिन जांच एजेंसियों की धमकी के कारण चले गए।“
फडणवीस के दावो को खारिज किया
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस के उस दावे को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र में 2019 में राष्ट्रपति शासन लगाने का आइडिया शरद पवार का था। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को सनसनीखेज दावा करते हुए कहा था कि 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद (Maharashtra Assembly Poll) जब शिवसेना (अविभाजित) और बीजेपी का गठबंधन टूटा तो शरद पवार बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहते थे। उन्होंने खुद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का सुझाव दिया था। लेकिन वह बाद में अपने रुख से पलट गए थे।
महाविकास आघाडी (MVA) के गठन की चर्चा के बीच 2019 में अजित पवार ने महाराष्ट्र में अल्पकालिक सरकार बनाते हुए रातोंरात फडणवीस से हाथ मिलाया था। 23 नवंबर 2019 को सुबह-सुबह देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। लेकिन यह सरकार महज तीन दिन में गिर गई थी।
Published on:
05 Oct 2023 01:18 pm
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