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Maharashtra Politics: जो बाला साहेब का नहीं हुआ, वो राज ठाकरे का कैसे होगा… शिवसेना के बड़े नेता ने उद्धव पर लगाए आरोप

Shiv Sena on Uddhav Thackeray : एकनाथ शिंदे गुट के वरिष्ठ नेता रामदास कदम ने कहा, उद्धव ठाकरे किसी के नहीं हो सकते हैं, उन्होंने अपने पिता की विचारधारा के खिलाफ जाकर कांग्रेस के साथ गठबंधन किया। वह मराठी लोगों और राज ठाकरे के कैसे बन सकते हैं।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Jul 04, 2025

Uddhav Thackeray Raj Thackeray Alliance

उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे (Photo- IANS)

महाराष्ट्र में बीजेपी नीत महायुति सरकार के तीन भाषा नीति से संबंधित जीआर वापस लिए जाने पर शिवसेना (उबाठा) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की 5 जुलाई को होने वाली संयुक्त विजय रैली में दो दशक में पहली बार उद्धव और उनके चचरे भाई राज ठाकरे एक साथ मंच पर नजर आएंगे। हालांकि इसको लेकर महाराष्ट्र में सियासी हलचल बढ़ गई है।

शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री रामदास कदम (Ramdas Kadam) ने अलग-थलग चल रहे ठाकरे भाइयों के बीच संभावित गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है। कदम ने दावा किया कि शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के सियासी वजूद को मिटा देंगे। उन्होंने दावा किया कि उद्धव जब सत्ता के लिए अपने पिता बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा के खिलाफ जा सकते है, वह जब उनके नहीं हुए तो मनसे प्रमुख राज ठाकरे के कैसे हो सकते है। मराठी लोगों का कैसे हो सकता है।

उन्होंने कहा, “उद्धव ठाकरे किसी के नहीं हो सकते। बाला साहेब कभी चुनाव नहीं लड़ें, उन्होंने हमारे जैसे झुग्गियों से आने वाले शिवसैनिकों को विधायक, मंत्री बनाया। लेकिन खुद कभी कोई पद नहीं लिया। लेकिन उद्धव अपने पिता कि तरह नहीं है। वह चाहते थे कि बालासाहेब कब जाएं तो वह मुख्यमंत्री बन सके, ऐसी सोच थी उनकी। बालासाहेब कहते थे कि अगर उन्हें कांग्रेस के साथ जाना पड़ा तो वह अपनी पार्टी ही बंद कर देंगे, लेकिन आज उन्ही के बेटे ने कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया है।“

रामदास कदम ने ठाकरे भाईयों के हिंदी विरोध और मराठी भाषा को लेकर जारी अभियान पर कहा, महाराष्ट्र में मराठी आनी चाहिए, लेकिन इसके लिए हिंसा रास्ता नहीं है। आज मुंबई में मराठियों कि संख्या बहुत कम हो गई है। अब मुंबई में सिर्फ मराठियों के वोट से सत्ता हासिल नहीं हो सकती। जब आप 25 साल बीएमसी की सत्ता में रहे तो मराठियों के लिए क्या किया, इसका जवाब उद्धव ठाकरे को देना चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि ठाकरे भाई साथ आएंगे तो महाराष्ट्र का विकास कैसे होगा।

शिंदे गुट के नेता का यह बयान महाराष्ट्र सरकार द्वारा उस सरकारी आदेश (जीआर) को वापस लेने के पांच तीन दिन बाद आया है, जिसके तहत पहली से पांचवीं कक्षा तक हिंदी को तीसरी के रूप में शामिल किया गया था।

बीजेपी के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार द्वारा तीन भाषा नीति के खिलाफ बढ़ते विरोध के बीच प्राथमिक विद्यालयों में हिंदी शुरू करने के दो सरकारी प्रस्तावों को रविवार को रद्द करने के बाद दोनों ठाकरे भाई 5 जुलाई को मुंबई में ‘विजय रैली’ का आयोजन कर रहे हैं। यह ‘विजय रैली’ वर्ली स्थित एनएससीआई डोम में सुबह करीब 10 बजे शुरू होगा।