
मुंबई: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार (एमवीए) की मुसीबत बढ़ती जा रही है. शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे के बागी होने के बाद मची राजनीतिक उथल-पुथल में पार्टी के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने एक ऐसी बात कह दी, जो महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में शिवसेना के साथी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस को नागवार गुजरी है. दोनों ही दलों ने शिवसेना सांसद राउत के बयान पर आपत्ति जताई है.
अपने ही सरकार के मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले बागी घेमे को एक और चुनौती देते हुए संजय राउत ने कहा "हम एमवीए से बाहर निकलने के लिए तैयार हैं, बशर्ते विद्रोही 24 घंटे के भीतर मुंबई लौट आए और शिवसेना के साथ चर्चा करें।" राउत ने कहा "24 घंटे के भीतर यहां (मुंबई) आएं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे साहब के सामने बैठें और उन्हें अपना दृष्टिकोण बताएं। हम निश्चित रूप से उन पर विचार करेंगे।" यह भी पढ़ें-Maharashtra Political Crisis: नहीं काम आई उद्धव ठाकरे की इमोशनल अपील, शिवसेना के बागी विधायकों ने एकनाथ शिंदे को चुना अपना नेता (VIDEO)
संजय राउत के शिवसेना के एमवीए से बाहर निकलने पर विचार करने वाली इस टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर करते हुए एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजीत पवार ने कहा “हम अंत तक उद्धव ठाकरे जी के साथ खड़े रहेंगे। हम मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर नजर रख रहे हैं। सरकार को बचाना तीनों दलों (एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना) की जिम्मेदारी है। संजय राउत ही जानते हैं कि उन्होंने ऐसा बयान क्यों दिया।“
एनसीपी चीफ शरद पवार के भतीजे व पार्टी के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने आगे कहा “मैं मुख्यमंत्री को फोन करूंगा और उनसे पूछूंगा कि संजय राउत ने ऐसा बयान क्यों दिया। क्या राउत ने ये बयान सिर्फ शिवसेना के बागी विधायकों को वापस लाने के लिए दिया था? मैं खुद संजय राउत के बयान पर मुख्यमंत्री से चर्चा करूंगा।”
एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि राउत ने पार्टी नेताओं से परामर्श करने के बाद बयान दिया होगा, लेकिन उनके सहयोगी छगन भुजबल ने कहा कि शिवसेना सांसद को सार्वजनिक होने से पहले एमवीए नेताओं के साथ इस पर चर्चा करनी चाहिए थी।
आज शाम में राउत के इस बयान के बाद कांग्रेस नेताओं की एक अहम बैठक मुंबई के सहयाद्री गेस्ट हाउस में हुई। जिसके बाद पार्टी के दिग्गज नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा “ये सब अफवाह है, कोई समर्थन वापस लेने की बात नहीं है, हम पूरी तरह से उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार के पीछे खड़े हैं। संजय राउत का अपना निजी फैसला है वो जो चाहते हैं करें।“ हालांकि एनसीपी और कांग्रेस दोनों ही दलों ने स्पष्ट कहा है कि वह उद्धव ठाकरे के साथ अंत तक रहेंगे।
इस बीच शिवसेना प्रमुख व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को तब एक और बड़ा झटका लगा, जब उनकी भावनात्मक अपील को दरकिनार करते हुए गुवाहाटी में मौजूद बागी शिवसेना विधायकों ने सर्वसम्मति से एकनाथ शिंदे को अपना नेता चुन लिया है। शिंदे खेमे ने इसका एक वीडियो भी जारी किया है।
Updated on:
23 Jun 2022 09:55 pm
Published on:
23 Jun 2022 09:54 pm
बड़ी खबरें
View Allमुंबई
महाराष्ट्र न्यूज़
ट्रेंडिंग
